अपर मुख्य सचिव संजय कुमार शुक्ला ने बताया कि दृष्टि पत्र में वर्ष 2047 में एक समृद्ध मध्यप्रदेश की परिकल्पना की गयी है। हितधारक परामर्श एवं जन सहयोग से विकसित मध्यप्रदेश@2047 दृष्टि पत्र को तैयार किया गया है। इसे धरातल पर उतारने के लिए रोडमैप का मंत्रि-परिषद के सदस्यों के समक्ष सम्बंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों ने प्रेजेंटेशन दिया।
दृष्टि पत्र में 8 थीमैटिक ग्रुप्स में उद्योग, कृषि एवं सम्बंधित क्षेत्र तथा वनोत्पाद, सेवाएं और अधोसंरचना एवं नगरीय विकास, शिक्षा, स्वास्थ्य, सुशासन एवं नागरिक सेवाओं का प्रदाय और वित्तीय नियोजन एवं संवर्धन पर प्रेजेंटेशन दिया गया। मध्यप्रदेश @2047 दृष्टिपत्र के क्रियान्वयन के लिए उच्च स्तरीय क्रियान्वयन समिति का गठन किया जाएगा।
नवकरणीय ऊर्जा को 75 प्रतिशत तक ले जाने का लक्ष्य
मध्यप्रदेश @2047 दृष्टिपत्र के अनुसार वर्तमान में राज्य की अर्थव्यवस्था कृषि आधारित है। सकल घरेलू उत्पाद में कृषि का 43 प्रतिशत, सेवाएं 36 प्रतिशत और उद्योगों का 21 प्रतिशत योगदान है। वर्ष@2047 तक उद्योगों और स्टार्ट-अप को बढ़ावा देकर, रोजगार के अवसर सृजित कर अर्थव्यवस्था को संतुलित करते हुए जीडीपी में कृषि का योगदान 24-28 प्रतिशत, उद्योग का योगदान 21-25 प्रतिशत और सेवाओं का योगदान 49-53 प्रतिशत तक लाने का प्रयास किया जाएगा।
सामाजिक सुरक्षा के क्षेत्र में प्रति व्यक्ति औसत आयु को 67.4 वर्ष से बढ़ाकर सन 2047 तक 84 वर्ष करने का लक्ष्य रखा गया। साक्षरता दर को 75.2 प्रतिशत से बढ़ाकर शत प्रतिशत करने का लक्ष्य है। कुल ऊर्जा स्त्रोत में नवकरणीय ऊर्जा का प्रतिशत 22.5 से बढ़ाकर 75 प्रतिशत से अधिक किया जाएगा।
मध्यप्रदेश @2047 दृष्टिपत्र में अर्थव्यवस्था की सबसे शानदार परिकल्पना
मध्यप्रदेश @2047 दृष्टिपत्र में प्रदेश की अर्थव्यवस्था की सबसे शानदार परिकल्पना की गई है। इसमें सकल घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) को बढ़ाकर 250 लाख करोड़ यानि 2 ट्रिलियन डॉलर करने का लक्ष्य है। अभी यह 15.03 लाख करोड़ रुपए ही है। प्रदेश की वर्तमान में प्रति व्यक्ति आय एक लाख 60 हजार में जबर्दस्त इजाफा करने का लक्ष्य है। मध्यप्रदेश @2047 दृष्टिपत्र में इसे 22 लाख रुपए करने की बात कही गई है।