नॉन अल्कोहलिक फैटी लिवर डिसीज का पता लगाने के लिए 30 साल से अधिक उम्र के लोगों की स्क्रीनिंग की जा रही है। यदि आपके यहां भी आशा और अन्य स्वास्थ्य कार्यकर्ता घर पहुंचे तो सहयोग दें। स्क्रीनिंग में बॉडी मास इंडेक्स (BMI) 23 से अधिक होने, महिलाओं की कमर 80 सेमी और पुरुषों में 90 सेमी से अधिक होने या मधुमेह का इतिहास होने पर आगे की जांच होगी। इससे समय रहते लिवर संबंधी बीमारी का पता चलेगा। जल्द इलाज होगा।
इसलिए बढ़ रही लिवर की बीमारी
-मोटापा, शरीर में अत्यधिक वसा की मात्रा -ज्यादा शराब पीने से लिवर को नुकसान। फैटी लिवर का भी कारण। -अस्वस्थ आहार मसलन अधिक वसा और चीनी वाले खाद्य पदार्थों से -नियमित व्यायाम न करना। -मधुमेह मरीजों को ज्यादा खतरा। -हाई कोलेस्ट्रॉल भी फैटी लिवर के खतरे को बढ़ा सकते हैं।
पहले होगी जांच, फिर इलाज भी होगा
आशा कार्यकर्ता घर-घर जांच कर रही हैं। स्वास्थ्य कर्मी अस्पताल और विशेष शिविरों में जांच कर रहे हैं। संदिग्ध मामलों की जानकारी कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर्स व स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं से साझा की जाएगी। ऐसे लोगों को घर में उपलब्ध पौष्टिक आहार के सेवन, शराब-धूम्रपान से दूरी रखने की सलाह देकर फॉलोअप किया जाएगा। फाइब्रोसिस-4 स्कोर की गणना के आधार पर प्लेटलेट काउंट, एसजीओटी, एसजीपीटी जांच होगी। फिर यदि डॉक्टर की सलाह पर फाइब्रोस्कैन होगा। इसमें लिवर में फाइब्रोसिस की स्थिति पता चलेगा।
आप घर बैठे ऐसे चेक करें बीएमआई
आप घर पर ही बॉडी मास इंडेक्स मापकर रिस्क का पता लगा सकते हैं। पहले वजन और लंबाई मापें। लंबाई को दोगुनी करें और वजन में भाग दें, तो बीएमआइ निकल आएगा। बीएमआई 18.5 है तो अंडरवेट, 24.9 तक सामान्य, 29.9 तक ओवरवेट और 30 से अधिक होने पर मोटापा माना जाता है।
एमपी सरकार और लिवर एंड बिलयरी साइंसेस इंस्टीट्यूट नई दिल्ली के बीच हुआ एमओयू
मिशन के लिए मप्र सरकार और लिवर एंड बिलयरी साइंसेस इंस्टीट्यूट नई दिल्ली के बीच एमओयू हुआ है। इसी के तहत लिवर संबंधी बीमारियों के लिए जागरुकता और प्रारंभिक स्तर पर रोकथाम के प्रयास हैं।