शहडोल में पुल बहा
बीते दिनों शहडोल जिले धनपुर नगरपालिक इलाके में अंतर्गत बगैया से बंगवार बे पर बारिश की चपेट में आकर बह गया था। वहीं, वैकल्पिक मार्ग वाले पुल में भी दरारें आ गई हैं।
नरसिंहपुुर में पुल धंसा
बीते दिनों नरसिंहपुर स्थित स्टेट हाईवे 22 पर पुल धंसने से करेली-गाडरवारा मार्ग बंद हो गया है। यह घटना बंदेसुर और बटेसरा के बीच हुई थी। पुलिया धंसने के कारण वाहन की लंबी कतारें लग गई थी।
शिवपुरी में ब्रिज का स्लैब गिरा
शिवपुरी जिले के पोहरी रोड स्थित रेलवे क्रॉसिंग पर निर्माणाधीन फ्लाईओवर ब्रिज का स्लैब अचानक 14 जून को गिर गया। जिसके निर्माण-कार्य में जुटे 4 मजदूर पुल से नीचे गिर गए। जो कि गंभीर रूप से घायल हो गए।
दतिया में तास की पत्तों की तरह बह गए थे 4 पुल
अगस्त 2021 में दतिया जिले पानी के तेज बहाव में चार पुल बह गए थे। सेवढ़ा में रतनगढ़, सनकुंआ, इंदुर्खी, लांच पुल ताश के पत्तों की तरह पानी में बह गए थे। उस वक्त सिंध नदी से 10 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया था। जिसके चलते सिंध नदी के तेज पानी में पुल बह गए। हालांकि, इसमें किसी प्रकार की जनहानि नहीं हुई थी।
दरअसल, राजधानी भोपाल का 90 डिग्री ब्रिज हो या फिर जीजी फ्लाईओवर। दोनों की गुणवत्ता और इंजीनियरिंग को लेकर कई सवाल उठते नजर आए हैं।
इंदौर का Z डिजाइन वाला ब्रिज भी चर्चाओं मेें
इंदौर का Z डिजाइन वाला रेलवे ओवरब्रिज भी चर्चाओं में आ गया है। यहां ब्रिज पोलो ग्राउंट पर लोक निर्माण विभाग के द्वारा बनाया गया है। और तो और ब्रिज पर दो जगह 90 डिग्री का एंगल बन है। ब्रिज अभी निर्माणधीन है।
90 डिग्री वाला ब्रिज
ऐसे ही 90 डिग्री ब्रिज की डिजाइन को लेकर पूरे देशभर में मध्यप्रदेश को ट्रोल किया गया था। जिसके बाद सीएम डॉ मोहन यादव ने 90 डिग्री वाले ब्रिज के निर्माण में हुई गड़बड़ी को देखते हुए 8 अफसरों को सस्पेंड करने के निर्देश दिए थे। हालांकि, ब्रिज के एंगल की रिपोर्ट में सामने आया कि 115 डिग्री है।

जीजी फ्लाइओवर की गुणवत्ता पर उठे थे सवाल
जीजी फ्लाईओवर का इंतजार भोपाल की जनता कई सालों से कर रही थी, लेकिन उसके निर्माण में हुई धांधली की तस्वीर उद्धाटन के दूसरे दिन यानी 25 जनवरी 2025 को सामने आई। जहां एक हफ्ते में ही सड़क पर से सीमेंट निकलने लगी और लोहे के सरिया बाहर झांक रहे थे। निर्माण में खामियों को देखते हुए सरकार ने ब्रिज की निगरानी करने वाले दो अफसरों को सस्पेंड कर दिया था।
मोरटक्का पुल 75 साल पुराना
इंदौर-इच्छापुर हाईवे पर नर्मदा नदी के ऊपर बना मोरटक्का पुल 75-76 साल पुराना है। साथ ही यह जर्जर भी हो गया है। नर्मदा नदी पर बने इस ब्रिज की जांच एनएचएआई द्वारा की गई थी। इंदौर-एदलाबाद हाईवे पर मोरटक्का ब्रिज का निर्माण किया जा रहा है। वर्तमान में मोरटक्का पुल से वाहन गुजरते हैं।
कैबिनेट में 1776 पुलों की मरम्मत पर लगी मुहर
1 जुलाई 2025 को मोहन सरकार की कैबिनेट में 1766 पुराने पुलों की मरम्मत और नई तकनीक से सुधार कराने का फैसला लिया था। जिसमें 4572 करोड़ रुपए खर्च आएगा। इन निर्माण 5 साल में पूरा किया जाएगा। जिससे शहरों में आवागमन बेहतर होगा। इससे यह स्पष्ट होता है कि प्रदेश में पुराने पुल और ब्रिज तो अनफिट की स्थिति में है, लेकिन नए वालों की स्थिति भी कुछ ठीक नहीं है। प्रदेश में 1766 पुलों की हालत जर्जर स्थिति में है। सरकार की ओर से बड़े दावे किए जा रहे हैं। मगर जमीनी हकीकत आईना दिखाने का काम कर रही है।
हाल ही में पीडब्ल्यूडी विभाग की ओर से पूरे प्रदेश के सभी चीफ इंजीनियर (ब्रिज), सुपरिटेंडिंग इंजीनियर (एसई) और एग्जीक्यूटिव इंजीनियरों को निर्देश दिए हैं कि वह अपने इलाकों में सभी पुलों, फ्लाईओवर और एलिवेटेड कॉरिडोर की जांच करें। जिसमें खतरनाम मोड, ट्रांजिशन लेंथ की कमी और इंटरनल-एक्सटर्नल वाइंडिंग सहित कई चीजों की जांच की जाएगी। विभाग के द्वारा इन कमियों की जानकारी तीन दिन के अंदर उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं।