एमपी में शपथपत्र, पावर ऑफ अटॉर्नी, एग्रीमेंट महंगा, बढ़ेगा स्टाम्प शुल्क
MP News :मध्यप्रदेश सरकार अब शपथ पत्र(एफिडेविट), कंसेंट डीड, एग्रीमेंट, पावर ऑफ अटॉर्नी आदि दस्तावेजों में लगने वाले स्टाम्प शुल्क में बढ़ोतरी करने जा रही है। शपथ पत्र(Affidavit) बनवाने के लिए 50 की जगह 200 रुपए, कंसेंट डीड और एग्रीमेंट में 1000 की जगह 5000 रुपए के स्टाम्प लगाने होंगे। इसके लिए उप मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा ने बुधवार को विधानसभा में भारतीय स्टाम्प (मप्र संशोधन) विधेयक- 2025 पेश किया है। इससे पहले इसमें संशोधन वर्ष 2014 में हुआ था। इसलिए मूल्य सूचकांक में हुए परिवर्तन को देखते हुए स्टाम्प शुल्क में वृद्धि की है।
विधेयक में भारतीय स्टाम्प अधिनियम 1899 की अनुसूची 1-क के विभिन्न अनुच्छेदों में संशोधन प्रस्तावित किया गया है। इस अनुसूची में राज्य सूची के विषय शामिल हैं। पार्टीशन संबंधी दस्तावेज के लिए परिवार की परिभाषा में भी बदलाव किया जा रहा है। वहीं इसमें अभी तक माता-पिता, भाई, बहन, नाती-नातिन के बाद भाई की मौत होने की दशा में उसकी पत्नी और बच्चों को भी शामिल किया। इससे परिवार के बीच पार्टीशन में स्टाम्प शुल्क आधा लगेगा।
संस्कृत भाषा के संरक्षण की मांग
भाजपा विधायक(MP News) अभिलाष पांडेय ने संस्कृत में अपना प्रश्न रखा। जिसका स्वागत स्कूल शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह ने संस्कृत में किया। विधायक ने कहा कि संस्कृत प्रमुख भाषाओं में से एक है, इसी भाषा में कर्मकांड संबंधी काम होते हैं। इसके संरक्षण के प्रयास किए जाएं। मंत्री ने कहा कि त्रिस्तरीय भाषा फार्मूले में इस पर काम कर रहे हैं।
विरोध के बीच 2356 करोड़ का अनुपूरक बजट पारित
विधानसभा में बुधवार को विपक्ष के विरोध के बीच वर्ष 2025-26 के लिए 2356.80 करोड़ रुपए का पहला अनुपूरक बजट पारित हो गया। इसके बाद विनियोग विधेयक को भी सदन ने मंजूरी दी। इस पर चर्चा के दौरान विपक्ष ने सरकार को घेरा। कांग्रेस विधायकों ने आरोप लगाए कि कई योजनाएं भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ रही हैं। अस्पताल-स्कूलों में स्टाफ नहीं है। सड़कें बारिश में बह गई। सरकार लाखों करोड़ों के निवेश की बात कर रही है लेकिन भूख और कुपोषण मिटाने के लिए सरकार के पास पैसे नहीं है। जबकि ब्रांडिंग में प्रतिदिन 1.50 करोड़ खर्चा हो रहा है। एमएसएमई नीति में उद्योगपतियों को १ रुपए में जमीन देने का भी विरोध किया।
तेरा तुझको अर्पण
तेरा तुझको अर्पण क्या लागे मेरा। यह जनता का पैसा जनता के लिए समर्पित है। आलोचना करना विपक्ष का हक है। यह बजट समावेशी, प्रगतिशील व दूरगामी सोच का है।-जगदीश देवड़ा, उप मुख्यमंत्री
बजट कर्ज का खाका
Leader of Opposition Umang Singhar अनुपूरक बजट वास्तव में कर्ज का खाका है। सभी सरकारी योजनाओं का सोशल ऑडिट अनिवार्य किया जाए ताकि भ्रष्टाचार उजागर हो और पारदर्शिता लाई जा सके।उमंग सिंघार, नेता प्रतिपक्ष
स्टाम्प शुल्क(Stamp Duty) में यह बढ़ोतरी प्रस्तावित
शपथपत्र के लिए 50 रुपए की जगह 200 के स्टाम्प
अचल संपत्ति संबंधी एग्रीमेंट जिसमें कब्जा नहीं दिया जाता- एक हजार की जगह 5००० रुपए
विकास, निर्माण या प्रतिभूति बॉण्ड से इतर एग्रीमेंट जिसमें संविदा मूल्य 50 लाख तक है तो 500 रुपए की जगह 1000 और 50 लाख से अधिक है तो 0.2त्न स्टाम्प शुल्क लगेगा
कंसेंट डीड के मामले में एक हजार से बढ़ाकर 5 हजार रुपए
पहले से रजिस्ट्रीकृत दस्तावेज में सुधार कराने के लिए एक हजार की बजाय 5 हजार के स्टाम्प
खनन लीज के लिए अब देय रकम का 2 प्रतिशत
रिवॉल्वर और पिस्टल के लायसेंस के लिए 5 हजार की जगह 10 हजार रुपए और नवीनीकरण के लिए 2 हजार से बढ़ाकर 5 हजार होगा।
पार्टनरशिप डीड में दो हजार से बढ़ाकर 5 हजार होगा
पावर ऑफ अटॉर्नी जब एक या अधिक व्यक्तियों को सिंगल ट्रांजेक्शन के लिए एक हजार से बढ़ाकर दो हजार रुपए और अधिक ट्रांजेक्शन के लिए 5000।
ट्रस्ट की संपत्ति के लिए एक हजार रुपए से बढ़ाकर 5 हजार रुपए स्टाम्प शुल्क होगा।
सदन में चार विधेयक संशोधन प्रस्तावित
1. भारतीय स्टाम्प (मप्र संशोधन) विधेयक 2025 में स्टाम्प शुल्क में बढ़ोतरी प्रस्तावित की गई है। 2. रजिस्ट्रीकरण (मप्र संशोधन) विधेयक 2025 में लोन चुकाने के बाद प्रॉपर्टी को मॉर्डगेज से मुक्त कराने बैंक सीधे जानकारी रजिस्ट्रीकरण कार्यालय को भेजेगा। इससे पक्षकारों को कार्यालय आने की जरूरत नहीं होगी।
3. भारतीय स्टाम्प (मप्र द्वितीय संशोधन) विधेयक 2025 में अपर्याप्त स्टाम्प वाली रजिस्ट्री की दशा में लगाई जाने वाली शास्ति की दर को दो प्रतिशत से घटाकर एक प्रतिशत किए जाने और प्रतिमाह और उसके भाग के लिए एक प्रतिशत की दर से ब्याज वसूली जैसे प्रावधान किए जा रहे हैं।
4. उज्जैन के विक्रम विश्वविद्यालय का नाम सम्राट विक्रमादित्य विश्वविद्यालय होगा। सदन में इसके लिए विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक 2025 पेश किया गया।
विपक्ष ने लगाए आरोप, कहा- अवैध शराब सिंडिकेट से करोड़ों की चपत
सदन में सिंघार ने कहा कि अवैध शराब का कारोबार पूरे प्रदेश में फल- फूल रहा है। प्रिंट रेट से ज्यादा में शराब बेची जा रही है। सोम जैसे बड़े सिंडिकेट की किसके साथ पार्टनरशिप है। यह जानकारी सरकार को होनी चाहिए। लेकिन तय मूल्य से ज्यादा पैसे लेकर प्रतिदिन करोड़ों रूपए सिंडिकेट की जेब में जा रहे हैं। नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा प्रदेश एक ऐसा राज्य है जहां उच्च शिक्षा का बजट कुल बजट का मात्र एक प्रतिशत है। ऐसे में प्रदेश के विद्यार्थी बाहर पढ़ने नहीं जाएगा तो कहां जाएगा। इस दौरान सिंघार ने जल जीवन मिशन के घोटालों का भी मुद्दा उठाया। वहीं एमएसएमई नीति पर भी अपना विरोध दर्ज कराया।
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