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भोपाल

मानसून सत्र का छठा दिन आज, सरकार पेश करेगी 6 नए बिल! हंगामे के आसार

MP Monsoon Session 6th Day : मध्य प्रदेश विधानसभा में आज मानसून सत्र का छठा दिन है। ऐसे में मेट्रोपॉलिटन विधेयक समेत 6 नए बिल पेश होंगे। साथ ही, कांग्रेस आदिवासी वनाधिकारों पर ध्यानाकर्षण प्रस्ताव लाएगी।

भोपालAug 04, 2025 / 09:33 am

Faiz

MP Monsoon Session 6th Day

मानसून सत्र का छठा दिन आज (Photo Source- Patrika)

MP Monsoon Session 6th Day : मध्य प्रदेश विधानसभा में चल रहे मानसून सत्र का आज सोमवार (4 अगस्त) छठा दिन है। इसे लेकर प्रदेश की राजनीतिक हलचल बढ़ी हुई है। विधानसभा में आज मध्य प्रदेश महानगर क्षेत्र नियोजन एवं विकास विधेयक 2025 पेश होगा, जिसे मेट्रोपॉलिटन विधेयक कहा जा रहा है। इस विधेयक का उद्देश्य भोपाल और इंदौर शहरों के चारों ओर मेट्रोपॉलिटन रीजन का गठन करना है। साथ ही, राज्य सरकार पांच अन्य विधेयकों को भी सदन में पेश करेगी।
मध्य प्रदेश महानगर क्षेत्र नियोजन और विकास विधेयक 2025 के तहत भोपाल और इंदौर के मेट्रोपॉलिटन रीजन की सीमाओं को परिभाषित किया जाएगा। साथ ही, इन क्षेत्रों के विकास और नियोजन के लिए एक मेट्रोपॉलिटन रीजन अथॉरिटी का गठन भी होगा। ये कदम प्रदेश में नगरीय विकास की दिशा में एक अहम सुधार माना जा रहा है।

भोपाल मेट्रोपॉलिटन रीजन की सीमाएं

भोपाल मेट्रोपॉलिटन रीजन में मंडीदीप, रायसेन, औबेदुल्लागंज, सांची, विदिशा, सीहोर, आष्टा, नरसिंहगढ़, और ब्यावरा जैसे क्षेत्रों को शामिल किया जाएगा।

इंदौर मेट्रोपॉलिटन रीजन की सीमाएं

इंदौर मेट्रोपॉलिटन रीजन में इंदौर जिले के अलावा देवास, उज्जैन, बड़वाह, धार, सोनकच्छ और शाजापुर जिले के कुछ हिस्से शामिल होंगे। इस क्षेत्र की सीमा सीहोर और देवास के बीच निर्धारित की जाएगी, जहां भोपाल मेट्रोपॉलिटन रीजन की सीमा समाप्त होगी, वहीं से इंदौर मेट्रोपॉलिटन रीजन की शुरुआत होगी।

आज का सत्र एक नजर में…

-मध्य प्रदेश महानगर क्षेत्र नियोजन एवं विकास विधेयक 2025 : भोपाल और इंदौर के मेट्रोपॉलिटन रीजन की सीमाएं निर्धारित करने और मेट्रोपॉलिटन रीजन अथॉरिटी के गठन का प्रस्ताव।
-भोपाल और इंदौर मेट्रोपॉलिटन रीजन की सीमाएं: भोपाल में मंडीदीप, रायसेन, विदिशा जैसे क्षेत्रों को शामिल किया जाएगा, जबकि इंदौर में देवास, उज्जैन और आसपास के जिलों को जोड़ा जाएगा।

-5 अन्य विधेयकों का प्रस्तुतीकरण: इनमें श्रमिक सुरक्षा, व्यापारिक सुधार, वाहन कराधान, कानूनी सहायता और उच्च शिक्षा में सुधार संबंधित विधेयक शामिल हैं।
-कांग्रेस का ध्यानाकर्षण प्रस्ताव: आदिवासी वनाधिकार के मुद्दे पर चर्चा, आदिवासी समुदाय के मामलों के खारिज किए जाने का विरोध।

-विपक्षी हंगामा और मंत्री पर आरोप: कांग्रेस ने मंत्री विजय शाह पर सेना का अपमान करने का आरोप लगाया, जिससे प्रश्नोत्तर काल स्थगित हुआ और विधानसभा की कार्यवाही प्रभावित हुई।

अन्य 5 विधेयक भी होंगे पेश

-कारखाना (मप्र संशोधन) विधेयक 2025 – श्रमिकों की सुरक्षा और मानकों को अद्यतन किया जा सकेगा।

-एमपी में दुकान और स्थापना (संशोधन) विधेयक 2025 – व्यापारिक संस्थानों की कार्यप्रणाली में सुधार हो सकेगा।
-मध्य प्रदेश मोटरयान कराधान (संशोधन) विधेयक 2025 – वाहन कर प्रणाली में बदलाव होगा।

-विधिक सहायता और विधिक सलाह (निसरण) विधेयक 2025 – गरीब, जरूरतमंदों को मुफ्त कानूनी सहायता मिल सकेगी।

-विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक 2025 – उच्च शिक्षा में सुधार के लिए।
इन विधेयकों के लिए 30 मिनट का समय निर्धारित किया गया है। इस दौरान विधेयकों पर चर्चा की जाएगी और उन्हें पारित करने का प्रयास रहेगा।

कांग्रेस का ध्यानाकर्षण प्रस्ताव

कांग्रेस पार्टी ने विधानसभा सत्र में आदिवासी वनाधिकार के मुद्दे को उठाने का फैसला किया है। नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार और पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह के नेतृत्व में कांग्रेस एक ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पेश किया जाएगा। इसमें आदिवासी जिलों में वनाधिकार के दावेदारों के प्रकरण खारिज किए जाने का विरोध होगा। इस प्रस्ताव का उद्देश्य वनाधिकार हासिल करने में परेशानियां उठा रहे आदिवासियों की स्थिति पर सरकार का ध्यान आकर्षित करना है।

मंत्री विजय शाह के खिलाफ हंगामे के आसार

कांग्रेस का आरोप है कि, सरकार वनाधिकार दावेदारों के मामलों को जानबूझकर खारिज कर रही है, जिससे आदिवासी समुदाय की बेदखली हो रही है। कांग्रेस के सदस्य इस मुद्दे पर विधानसभा में जोरदार बहस की उम्मीद करते हैं। इसके अलावा, कांग्रेस के नेताओं ने ये भी संकेत है कि, वे जनजातीय कार्य मंत्री विजय शाह के खिलाफ फिर से हंगामा कर सकते हैं। खासतौर पर जब वे विधानसभा में आकर अपने विभागीय प्रश्नों के जवाब देंगे।

पांचवां दिन रहा हंगामेदार

विधानसभा सत्र के पांचवें दिन शुक्रवार को प्रश्नोत्तर काल में विपक्षी दल कांग्रेस ने जोरदार हंगामा किया। कांग्रेस ने मंत्री विजय शाह पर सेना का अपमान करने का आरोप लगाते हुए इस्तीफे की मांग की थी। ऐसे में प्रश्नोत्तर काल ही स्थगित कर दिया गया था। साथ ही, सवा घंटे विधानसभा की कार्यवाही तक रुकी रही। यही नहीं शून्यकाल और ध्यानाकर्षण की व्यवस्था भी प्रभावित रही।

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