प्रदेश के रीवा में कई दिनों के इंतजार के बाद सोमवार को खाद वितरण केन्द्र खुले तो किसानों की भीड़ उमड़ पड़ी। जिले के कई केन्द्रों में रात्रि के तीन बजे से ही लंबी लाइनें लग गई थी। बीते कई दिनों से कृषि सेवा सहकारी समितियां और डबल लॉक सेंटर में खाद नहीं मिल रही थी। कुछ दिन पहले आई एक रैक की खाद सभी डबललॉक सेंटर और 148 में केवल 42 समितियों में भेजा गया था।
भाकियू के अध्यक्ष सुब्रतमणि त्रिपाठी बताते हैं कि किसानों के सामने बड़ा संकट है। सहकारी समितियों में खाद नहीं है, डबल लॉक में कई दिनों बाद आई। इसलिए भीड़ जमा हो गई। कई किसान दिनभर लाइन में लगे रहे फिर भी बिना खाद के लिए वापस लौटे हैं।
20 अगस्त को आंदोलन का ऐलान
छिंदवाड़ा और पांढुर्णा में भी यूरिया के लिए ऐसा ही हाहाकार मचा हुआ है। छिंदवाड़ा में कांग्रेस ने यूरिया के लिए 20 अगस्त को आंदोलन का ऐलान किया है। इधर सरकार दावा कर रही है कि यूरिया की कोई कमी नहीं है, प्रदेश में पर्याप्त खाद है। हालांकि हकीकत यही है कि प्रदेशभर में किसान यूरिया के लिए तरस रहे हैं।
5.60 लाख मेट्रिक टन यूरिया प्राप्त होने की संभावना
इस बीच मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने यूरिया की उपलब्धता के संबंध में अहम बयान दिया। मंगलवार को मंत्रि-परिषद की बैठक से पहले मंत्रियों को संबोधित करते हुए उन्होंने बताया कि प्रदेश में 5.60 लाख मेट्रिक टन यूरिया प्राप्त होने की संभावना है। यह मात्रा आगामी डेढ़ माह में मिल जाएगी।
डेढ़ माह में मिलेगा यूरिया
सीएम डॉ. मोहन यादव ने बताया कि यूरिया का कुल भंडारण 15.60 लाख मेट्रिक टन है। इसमें से 13.92 लाख मेट्रिक टन यूरिया किसानों को वितरित की जा चुकी है और 1.68 लाख मेट्रिक टन यूरिया शेष है। सीएम ने बताया कि प्रदेश में मक्का का क्षेत्रफल करीब 5 लाख हेक्टेयर बढ़ जाने के कारण यूरिया की मांग बढ़ी है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में आगामी डेढ़ माह में 5.60 लाख मेट्रिक टन यूरिया प्राप्त होने की संभावना है।