बता दें कि इस बार जून की गर्मी ने सारे रिकॉर्ड तोड़े हैं, कहीं 43 तो कहीं 45 डिग्री तापमान दर्ज किया गया। लेकिन अब मौसम बदलने वाला है। अब बेचैन लोगों को इंतजार है बारिश कब होगी (Barish Kab Hogi)… तो आइए जानते हैं IMD की ताजा भविष्यवाणी…(IMD Latest Prediction)
15 जून को एमपी की सरहदें छू सकता है मानसून
लगातार तपती धरती, झुलसाता सूरज और पसीनों में तर लोग, तपती दोपहर से लेकर शाम तक खाली-खाली सड़कें… मध्य प्रदेश में जून की गर्मी इस बार अपने चरम पर है। लेकिन अब इस तपिश से राहत की उम्मीद जागी है। दरअसल मौसम विभाग (IMD) की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, 15 जून से प्रदेश में मानसून (Monsoon 2025) की एंट्री तय मानी जा रही है। सबसे पहले यह पूर्वी जिलों में दस्तक देगा और फिर पूरे प्रदेश को अपने आगोश में लेगा।
सबसे पहले कहां होगी बारिश? (IMD Alert)
IMD का कहना है कि, मानसून की पहली बारिश मंडला, बालाघाट, डिंडोरी, शहडोल और सिवनी जैसे पूर्वी जिलों में होने की संभावना है। यहां 15-16 जून के बीच भारी बारिश और आंधी-तूफान की संभावना जताई गई है। इसके बाद मानसून 2025 की मदमस्त होकर एमपी के पश्चिमी और मध्य हिस्सों पर छा जाएगा। इनमें इंदौर, भोपाल, उज्जैन, ग्वालियर जैसे बड़े संभाग शामिल हैं।
फिलहाल गर्मी का कहर जारी
बता दें कि प्रदेश के कई जिलों में तापमान 43 डिग्री को पार कर चुका है। इंदौर, रतलाम, खंडवा, उज्जैन और विदिशा जैसे इलाकों में गर्मी अपने चरम पर है। गुरुवार को खजुराहो में अधिकतम पारा 45.8 तो नौगांव में 45 डिग्री दर्ज हुआ। भोपाल में गुरुवार को धूप के साथ हल्के बादल होने से पूरे दिन उमस भरी गर्मी रही। पंजाब के पास एक ऊपरी हवा का चक्रवात है। एक ट्रफ हरियाणा से पश्चिमी मप्र होते हुए दक्षिण पूर्व मप्र तक है, राजस्थान के ऊपर भी चक्रवात सक्रिय है। इससे थोड़ी नमी आ रही है। इससे आंशिक बादल बन रहे हैं और उमस भरी गर्मी पड़ रही है। IMD ने बताया कि मानसून की पहली बारिश के बाद तापमान में 5 से 7 डिग्री तक की गिरावट दर्ज की जा सकती है।
49 जिलों में येलो और रेड अलर्ट
मानसून से पहले मौसम विभाग ने राज्य के 49 जिलों में रेड और येलो अलर्ट जारी किया है। इन इलाकों में तेज़ हवाओं के साथ बिजली गिरने और भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है। प्रशासन ने सभी जिलों में बचाव और राहत कार्यों की तैयारियों के निर्देश भी दे दिए हैं।
मध्यप्रदेश समेत देशभर में मानसून की स्थिति
24 मई: केरल में मानसून की शुरुआती एंट्री, 8 दिन पहले 29 मई से 10 जून तक: महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ में मानसून रुका रहा 11-12 जून से: फिर से सक्रिय हुआ, आगे बढ़ने लगा 15-16 जून: MP में दस्तक 20 जून तक: पूरे प्रदेश में फैलेगा मानसून
किसानों की उम्मीदें बढ़ीं
मानसून की इस एंट्री का सबसे ज्यादा इंतजार किसानों को है। कई जिलों में खेत तैयार हैं लेकिन, बुआई का काम मानसून पर टिका है। अगर समय पर बारिश हुई, तो खरीफ सीजन बेहतर रहने की संभावना है।
जून में इस बार भीषण गर्मी क्यों?
मौसम विज्ञानी एके शुक्ला कहते हैं कि, इस बार अप्रेल, मई की तुलना में जून का महीना ज्यादा गर्म है। इसका कारण यह है कि अप्रैल, मई में बादल, वर्षा, हवा की तीव्रता ज्यादा थी, जबकि अभी मौसम शुष्क बना हुआ था। इस समय सूर्य भी पृथ्वी की एकदम सीध में होता है, दिन बड़े होने के कारण अधिक देर तक सूर्य की तपिश रहती है। इसके कारण गर्मी अधिक हो रही है।
बताया गर्मी का मनोवैज्ञानिक कारण
इसका एक मनोवैज्ञानिक कारण भी है। आमतौर पर अप्रेल, मई में गर्मी ज्यादा पड़ती है और जून में तापमान बढ़े होने के बाद भी बहुत ज्यादा असर नहीं पड़ता, लेकिन इस बार अप्रेल, मई में अपेक्षाकृत काफी कम गर्मी पड़ी है, उसकी तुलना में जून में तापमान ज्यादा बढ़े हुए हैं। इसलिए भी अधिक गर्मी लोगों को महसूस हो रही है।
मानसून अभी 24 घंटे दूर
मानसून से पहले प्रदेश में भीषण गर्मी का दौर है। बढ़े तापमान से लोग बेहाल हैं। गुरुवार को प्रदेश में छह जगह लू की स्थिति रही। अगले दो दिन पारा ऐसे ही रहने की संभावना है, 14 के बाद बारिश की गतिविधियों में थोड़ी तेजी आ सकती है। मानसून के भी आगे बढ़ने की भी आशंका है, ऐसे में मप्र में मानसून के लिए थोड़ा इंतजार बढ़ सकता है। यहां 15-16 के बाद ही मानसून की दस्तक की संभावना है।