अब स्वास्थ्य विभाग के पास नहीं जाएगी फाइल
कैबिनेट में वित्तीय अधिकार पुस्तिका 2025 भाग-1 का अनुमोदन किया। कर्मचारी और परिवार के सदस्यों के इलाज खर्चे का 80त्न भुगतान विभागाध्यक्ष कर सकेंगे। अभी कर्मचारियों व पेंशनरों को राशि खुद भुगतान करनी पड़ती है। बाद में बिल लगाते हैं। फाइल स्वास्थ्य विभाग के पास जाती है, जिसमें 6 से 8 महीने तक लग जाते हैं। कई बार तो फाइल लौटकर आ जाती थी, लेकिन लाभ नहीं मिलते। यह भी पढ़े –
एमपी में बड़ी कवायद, 27 अधिकारियों को दी पदोन्नति, 53 को हटाया कैबिनेट बैठक में फैसला
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में कैबिनेट बैठक में मंगलवार को कुछ मंत्रियों ने कहा कि उनके पास तबादलों के हजारों आवेदन आ रहे हैं। ये कई का निराकरण नहीं कर पाए हैं। अब 31 मई को पीएम नरेंद्र मोदी का कार्यक्रम तय है। इससे पहले इंदौर में कैबिनेट बैठक के कारण दो दिन उपलब्ध नहीं हो पाए। इस पर सीएम ने तबादले 10 जून तक करने की सहमति दी। सामान्य प्रशासन विभाग से आदेश होने बाकी हैं। दो लाख कर्मचारी तबादला चाहते हैं, अभी सिर्फ एक फीसद ही हुए हैं।
सीएम ने कहा- नहीं होने देंगे भेदभाव
मंत्रालय सचिवालय शीघलेखक संघ और संघ समूहों ने मंत्रालय परिसर में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का सम्मान किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि कर्मचारियों के हितों में मांग पत्र मिलने का इंतजार नहीं करेंगे। जितनी भी सहूलियतें दे सकते हैं वे सभी देंगे। कर्मचारियों को नुकसान पहुंचाने वाले जितने भी काले कानून होंगे, उन्हें बदल देंगे। मंत्रालय सचिवालय शीघलेखक संघ के अध्यक्ष सुभाष वर्मा ने मांग रखी थी कि नए कर्मचारियों को पहले साल कुल वेतन व भत्तों का 70 फीसद, दूसरे वर्ष में 50 फीसद व तीसरे साल में 0 फीसदी मिलता था, उनके परिवारों को नुकसान होता है।