विधायक की ही शिकायत का जिक्र
पर्यावरण सलाहकार संघ ने शिकायत में 24 फरवरी को हुई बैठक का ब्योरा दिया। बताया कि प्रकरण 10752/2023 में चेयरमैन(SEIAA Chairman) द्वारा पर्यावरण मंत्रालय व एनजीटी के आदेशों के खिलाफ अनुमति देने का दबाव बनाया जा रहा है। इसी मामले में विधायक प्रणय ने दूसरी बार शिकायत की। पहली बार वे 29 मई 2024 को शिकायत कर चुके थे। डिंडौरी जिले में एक फर्म के खिलाफ अवैध उत्खनन करने व तत्कालीन कलेक्टर द्वारा अलग-अलग मामलों में करीब 18 करोड़ का जुर्माना लगाने के आरोप लगाए थे। विधायक ने पत्रिका को बताया कि तब उन्होंने दस्तावेज भी दिए थे। फर्म के आवेदन को निरस्त किया जाना था, लेकिन उसे अनुमति देने की तैयार है। पर्यावरण सलाहकार संघ मप्र के सतेंद्र पाठक समेत अन्य ने बताया कि उक्त शिकायत के आधार पर प्रकरण बी-1 श्रेणी में आता है, जिसे चेयरमैन बी-2 के तहत मानकर अनुमति देने की तैयारी में हैं। सदस्यों ने पीएमओ को शिकायत में यह भी बताया कि उक्त प्रकरण में सिया की सदस्य सचिव ने विधायक की शिकायतों के आधार पर उक्त प्रकरण में आपत्ति ली है।
13 बैठकों में 157 प्रकरण
पीएमओ को बताया गया है कि 10 जून 2024 से करीब 500 प्रकरण लंबित थे। नई कमेटी बनने के बाद 13 बैठकें हुई हैं। इनमें 157 प्रकरण ही लिए गए। इनमें भी 48 को अनुमति दी गई। 109 प्रकरण सैक को भेजे गए। ज्यादातर में कोई टीप नहीं दी। पर्यावरण सलाहकार संघ के सदस्यों ने आरोप लगाए कि रतलाम जिले के दो प्रकरण को 11 मार्च को हुई बैठक में लिया था। ये एक जैसी श्रेणी के थे, जिनमें अलग-अलग निर्णय लिए गए। मामले में सिया चेयरमैन का पक्ष जानने के लिए उन्हें कॉल किया, जो रिसीव नहीं हुआ। मैसेज का भी देर रात तक जवाब नहीं आया। उधर, बहोरीबंद विधायक प्रणय ने कहा है कि मुयमंत्री से मिलकर भी अपनी बात रखूंगा।