अनुदान प्राप्त स्कूलों के शिक्षकों के वेतन में बढ़ोत्तरी के संबंध में दायर की गई अवमानना याचिका पर हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस संजीव सचदेवा और जस्टिस विनय सराफ की बेंच ने सुनवाई की। सुनवाई के बाद इस मामले में कोर्ट ने सख्त तेवर दिखाते हुए शिक्षा विभाग को वेतनमान से संबंधित अब तक की पूरी प्रक्रिया पर जवाब मांगा है।
हाईकोर्ट ने सन 2019 में शिक्षकों के पक्ष में फैसला सुनाया
अनुदान प्राप्त शिक्षकों को सातवें वेतनमान का लाभ देने के लिए माध्यमिक शिक्षक संघ द्वारा याचिका दायर की गई थी। सन 2018 में दायर इस याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने सन 2019 में शिक्षकों के पक्ष में फैसला सुनाया। कोर्ट ने सरकार और शिक्षा विभाग से इन शिक्षकों को सातवें वेतनमान की राशि किश्तों में देने के आदेश दिए थे।
अवमानना याचिका दायर की गई जिसपर सुनवाई
शिक्षक संघ के पदाधिकारियों ने बताया कि हाईकोर्ट द्वारा स्पष्ट आदेश जारी किए के बाद भी इस पर अमल नहीं किया गया। अनुदान प्राप्त शिक्षक सातवें वेतनमान के लाभ से वंचित रहे। ऐसे में हाईकोर्ट में अवमानना याचिका दायर की गई जिसपर सुनवाई के बाद शिक्षा विभाग से वेतनमान से संबंधित पूरी प्रक्रिया की जानकारी मांगी गई है।