ये है मामला
रातीबड़ के किसान चिंतासिंह मारण ने ईओडब्ल्यू में राजेश शर्मा के खिलाफ धोखाधड़ी की शिकायत की थी। उन्हाेंने कहा, रातीबड़ में कृषि भूमि खसरा-०१ की १२.४६ एकड़ जमीन हाईकोर्ट के आदेश से नामांतरण के बाद मेरे नाम से दर्ज हुई। उसे साजिश कर शर्मा और उनकी पार्टनरशिप फर्म ट्राइडेंट मल्टी वेंचर्स ने धोखे से विक्रय पत्र पर दस्तखत कराकर हड़प लिए। जो २ करोड़ रुपए खरीदार ने खाते में जमा किए, उसे भी धोखे से निकाल लिए।7 को सुनवाई, तब तक नहीं होगी गिरफ्तारी
आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (ईओडब्ल्यू) द्वारा नौ जून को दर्ज एफआइआर निरस्त करने के लिए राजेश शर्मा ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई। इस पर 24 जून को सुनवाई हुई। दोनों पक्षों के वकीलों ने 10 दिन का समय मांगा। अब अगली सुनवाई 7 जुलाई को होगी। तब तक कोर्ट ने राजेश शर्मा की गिरफ्तारी पर रोक लगाई है।वो तीन चेहरे जिन्होंने किसान की जमीन हड़प ली
1.राजेश शर्मा-लुकआउट सर्कुलर?
लु कआउट सर्कुलर एक नोटिस है। इसे कानून प्रवर्तन एजेंसियां जारी करती हैं। किसी को देश छोड़ने से रोकने या उसकी गतिविधियों पर नजर रखने के लिए इसे जारी किया जाता है। यह जारी होते ही उसकी जानकारी एयरपोर्ट और बंदरगाहों पर भेज दी जाती है। ताकि देश छोड़ने की स्थिति में उसकी धरपकड़ हो सके।पहले भी हुई है छापामारी
दिसंबर-2024 में राजेश शर्मा और उसके पार्टनर के 52 ठिकानों पर आयकर ने छापे मारे थे। शर्मा के ठिकानों से 3 करोड़ रुपए, जमीन के दस्तावेज और कई लॉकर मिले थे।