इलेक्ट्रॉनिक मीटर में खत्म उपभोक्ता अधिकार
बिजली के स्मार्ट व इलेक्ट्रॉनिक मीटर हैं। जो ऑटोमेटिक व एआइ आधारित हैं। मीटर तेज चलने की शिकायत करने पर मीटर की इसीजी की जाती है। यह उपभोक्ता के सामने होनी चाहिए। लेकिन उपभोक्ता से हस्ताक्षर लेकर एजेंसी खुद ही रिपोर्ट दे देती है। 95 फीसदी मामले में रिपोर्ट ओके आती है। मीटर में गड़बड़ी बताकर उपभोक्ताओं पर भार डाला जाता है।
घरेलू बिल का हाल
10 रुपए प्रति यूनिट की दर से बिल: बिजली टैरिफ में पांच से छह रुपए प्रति यूनिट की दर वास्तव में 10 रुपए प्रति यूनिट पड़ रही है। कई बिल में 400 यूनिट की खपत पर बिल 4000 रुपए के करीब आया।
केस- 1
उपभोक्ता: आरके चतुर्वेदी, घरेलू श्रेणी के उपभोक्ता, सुभाष कॉलोनी 77558 रुपए का बिल 150 वर्गफीट की दुकान का आया। 1056 यूनिट का बिल, रोजाना 2623.97 रुपए की एवरेज बिलिंग। 276.21 यूनिट रोजाना की बिजली खपत
केस-2
उपभोक्ता: अनूप राजपूत हर्षवर्द्धन नगर शॉपिंग कॉप्लेक्स के व्यावसायिक उपभोक्ता। 10418 रुपए का बिल, 897.05 यूनिट खर्च 347.22 रुपए रोजाना ऐवरेज बिलिंग, 29.9 यूनिट रोजाना खपत स्मार्ट मीटर लगाए जा रहे हैं। ये पूरी तरह सुरक्षित और विश्वसनीय हैं। उपभोक्ताओं की शिकायतों को संतुष्टि के साथ दूर किया जाता है। क्षितिज सिंघल, एमडी, मध्य क्षेत्र