अपराध रोकने पुलिस महकमें में भर्ती हुए डॉग ऑफिसर्स, चोरी, डकैती, मर्डर केस सुलझाएंगे
Dog officers Appoint in MP Police : अपराधों को रोकने पुलिस मकहमें में 52 डाग्स ऑफिसर्स नियुक्ति की गई है। 9 महीने की ट्रेनिंग के बाद इन्हें प्रदेश के अलग अलग जिलों और अलग अलग विभामों में पोस्ट किया जाएगा।
अपराध रोकने पुलिस महकमें में भर्ती हुए डॉग ऑफिसर्स (Photo Source- Patrika Input)
रूपेश मिश्रा की रिपोर्टDog Officers Appoint in MP Police:मध्य प्रदेश में अपराध रोकने के लिए पुलिस मकहमें में 52 डाग्स ऑफिसर्स की नियुक्ति की गई है। जो 9 महीने की ट्रेनिंग लेने के बाद पुलिस का अभिन्न अंग बन जाएंगे। ये डाग्स ऑफिसर्स चोरी, डकैती, मर्डर से लेकर मादक मदार्थों और विस्फोटक सामग्री तक को पकड़ने में पुलिस की मदद करेंगे। विभिन्न नस्लों के डाग्स को हैदराबाद से लाया गया है, जिनका प्रशिक्षण 23वीं बटालियन के पीटीएस में शुरू किया गया है। 9 महीने के प्रशिक्षण के बाद इनकी जिलों में पोस्टिंग की जाएगी।
9 महीने प्रशिक्षण के दौरान डाग्स ऑफिसर्स को कई चरणों को प्रशिक्षण से गुजरना होता है। पहले चरण में इन्हें यहां के वातावरण में ढाला जाता है। हैंडलर के साथ दोस्ती करवाई जाती है। उसके बाद 4 माह का बुनियादी प्रशिक्षण दिया जाता है, जिसमें हैंडलर की कमांड जैसे उठना- बैठना इत्यादि चीजें सिखाई जाती है। उसके बाद तीन ट्रेड ट्रैकर, नारकोटिक्स और स्निफर एक्सप्लोसिव में नियुक्त की जाती है। ट्रैकर ट्रेड के डाग्स चोरी, मर्डर, नारकोटिक्स के मादक पदार्थ और स्निफर एक्सप्लोसिव ट्रेड के डाग्स विस्फोटक पकड़ने में मदद करते हैं।
डाग्स के स्वाभाव से तय होते हैं ट्रेड
डाग्स को प्रशिक्षण देने वाले केसर सिंह ने बताया कि, ट्रेड का बंटवारा सबसे महत्वपूर्ण काम होता है। ये 4 माह की ट्रेनिंग के बाद इसलिए किया जाता है। क्योंकि, तब डाग्स का स्वाभाव पता चल जाता है। जो चंचल स्वाभाव को होते हैं, उन्हें ट्रैकर और शांत स्वाभाव के होते हैं, उन्हें स्निफर एक्सप्लोसिव या नारकोटिक्स में भेजा जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि कई एक्सप्लोसिव अब तेज आवाज होने से भी फट जाते हैं।
10 साल देंगे सेवाएं, जरूरत पड़ी तो सिर्फ एक एक्सटेंशन
अपराध रोकने पुलिस महकमें में भर्ती हुए डॉग ऑफिसर्स (Photo Source- Patrika Input) डाग्स की नियुक्ति के बाद इनकी कुल सर्विस विभाग में 10 साल की होती है। इस अवधि के दौरान समय-समय में इनका फिटनेस टेस्ट किया जाता है। लेकिन, सेवा अवधि पूरा होने के बाद अगर कोई डाग फिट रहते हैं तो विभाग द्वारा उन्हें सिर्फ एक बार 6 माह का एक्सटेंशन दिया जाता है। इसके बाद उन्हें रिटायर कर दिया जाता है। रिटायरमेंट के बाद पुलिस द्वारा ही उनका ध्यान रखा जाता है।
अपराध रोकने पुलिस महकमें में भर्ती हुए डॉग ऑफिसर्स (Photo Source- Patrika Input) 23वीं बटालियन के कमांडेट कुमार प्रतीक ने बताया कि, हैदराबाद से 52 डाग्स लाए गए हैं, जिनका प्रशिक्षण नियमित रूप से शुरू कर दिया गया है। 9 माह तक इनकी ट्रेनिंग करवाकर इन्हें एक्सपर्ट द्वारा ट्रेंड किया जाएगा। उसके बाद इन्हें जिलों में भेजा जाएगा।
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