मिल चुके हैं कई बड़े प्रोजेक्ट
डीबीएल प्रबंधन से मिली जानकारी के मुताबिक यह अनुबंध कंपनी और आरबीएल बैंक के ज्वाइंट वेंचर को मिला है, जिसे एल-1 यानी सबसे कम बोलीदाता घोषित किया है। बता दें कि डीबीएल के पास देश के प्रमुख अधोसंरचनात्मक प्रोजेक्ट में शामिल बैंगलोर-चेन्नई एक्सप्रेस-वे, बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे, दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे, डाबोलिम हवाई अड्डे पर टैक्सी-वे, गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे, मुंबई-नागपुर एक्सप्रेस-वे, राजकोट हवाई अड्डा, गोवा का नया जुआरी ब्रिज और बेंगलुरु-मैसूर एक्सप्रेस-वे जैसे प्रोजेक्ट रहे हैं।
16 से ज्यादा राज्यों में बड़े प्रोजेक्ट
डीबीएल सड़क निर्माण उद्योग की सबसे बड़ी कंपनियों में गिनी जाती है जो 16 से ज्यादा राज्यों में काम कर चुकी है या काम जारी है। प्रबंधन के अफसरों के मुताबिक कंपनी के पास सड़क, हाईवे, भारतमाला टनल, मेट्रो, हवाई अड्डा और भवनों के निर्माण के अलावा खनन, जल स्वच्छता, सीवेज, सिंचाई, औद्योगिक विकास, वाणिज्यिक जैसे प्रोजेक्ट भी हैं। इनमें गोवा की जुआरी नदी के केबल ब्रिज को देश का दूसरा सबसे बड़ा केबल सस्पेंशन ब्रिज माना जाता है।