मनोचिकित्सक डॉ. सत्यकांत त्रिवेदी का कहना है कि भारतीय समाज में महिलाओं को शादी के पहले न कहने की आजादी नहीं है] हां करने का दबाव रहता है। ऐसे में मन की मन में ही दबी रह जाती है और बिना अपनी इच्छा के लोग वैवाहिक संबंधों में जाते हैं। यही कारण है कि हत्या जैसी वारदातें बढ़ रहीं हैं।
डॉ. सत्यकांत त्रिवेदी का कहना है कि-
सोसायटी के इश्यू व्यक्ति की मनोदशा- मानसिक स्थिति को बदल रहे हैं और ऐसी घटनाएं हो रहीं हैं। राजा सोनम जैसे मामलों को सामाजिक एंगल से देखें। हमारे भारतीय समाज में अक्सर महिलाओं को शादी के पहले न कहने की आजादी नहीं है… हां ही करने का दबाव रहता है। ऐसे में मन की मन में ही दबी रह जाती है और बिना अपनी इच्छा के लोग वैवाहिक संबंधों में जाते हैं… सोशल मीडिया में अपराधियों को ही नायक के रूप में दिखाया जा रहा है…हत्या जैसी वारदात करने में लोग सोचते तक नहीं हैं कि हमें पकड़ा जा सकता है…उन्हें यह भ्रम हो जाता है कि हम इसे स्मार्टली अंजाम दे पाएंगे…जरूरत है कि हम ऐसी घटनाओं को सामाजिक एंगल से देखें…. अपराधों को जेंडर वाइस भी न देखें, प्राय: लोग ऐसा बोलते हैं कि पत्नी ने ऐसा किया…जो इंसानी समस्याएं पुरुषों में हैं वही अब महिलाओं में देखने को मिलती रहेंगी…।