मनोवैज्ञानिक युवाओं की इस मानसिक स्थिति को स्पाउस क्राइम सिंड्रोम बता रहे हैं। उनका कहना है कि मेरठ के ’ब्लू ड्रम’ मामले और इंदौर का चर्चित राजा रघुवंशी हत्याकांड ने युवाओं के मन में डर पैदा कर दिया है। इसलिए वह जल्दबाजी में शादी के फैसले से कतरा रहे हैं।
युवाओं की सोच बदली
वैवाहिक काउंसलरों के अनुसार, ’स्पाउस क्राइम सिंड्रोम’ के मामलों में अचानक वृद्धि के कारण युवा संभावित जीवनसाथी में नकारात्मकता के भाव की छानबीन कर रहे हैं। विवाह को अंतिम रूप देने से पहले पत्नी के स्वभाव और परिवार को बेहतर ढंग से समझने के लिए छह से आठ महीने का समय ले रहे हैं।
टल रहीं शादियां
राजधानी के एक युवक ने शादी के निमंत्रण पत्र छपवाने के बावजूद अपनी शादी की तिथि डर की आशंका में कैंसिल कर दी। दुल्हन के परिवार ने जल्द शादी का आग्रह किया था। लेकिन युवक ने अपनी मंगेतर को बेहतर तरीके से जानने के लिए शादी छह से सात महीने टाल दी है। इस तरह के मामले और भी हैं।
जान पहचान होने के बावजूद भरोसा नहीं
बीते 6 महीने में 8 ज्यादा लड़कों के माता-पिता अपनी परेशानी लेकर पहुंचे हैं। जान-पहचान की लड़की होने के बाद भी शादी के लिए भरोसा नहीं कर पा रहे हैं। यही नहीं बीते 6 महीने में पति- पत्नी के बीच अनबन के मामले भी बढ़े हैं। परामर्श केंद्रों से पता चला है कि ज्यादा से ज्यादा जोड़ेवफादारी और सुरक्षा को लेकर अपने संदेह दूर करने के लिए मदद मांग रहे हैं।- डॉ. दीप्ति सिंघल, सलाहकार और मनोवैज्ञानिक परामर्शदाता