इंदौर-बुदनी नई रेल लाइन जमीन अधिग्रहण का विरोध, जमकर हुई झूमाझटकी
बनाना होता है प्लान
किसानों को संभावित समस्या को भी दूर करने का प्लान भी प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष तौर पर करना होता है। अभी 5 संभाग में खरीफ प्लान की बैठक बाकी हैं। किसान खाद और बीज के लिए परेशान हैं। खुले बाजार में सब है पर महंगे इस कदर हैं कि 4 किलो मक्का बीज 1100 रुपए का है। कृषि विभाग दावा है कि सहकारी और मार्कफेड केंद्रों पर पर्याप्त खाद-बीज हैं, पर किसानों की मानें तो यह बात पूरी तरह सच नहीं है। (Kharif plan for farmers)जिन संभागों में बैठकें होनी हैं, वहां भी बोवनी
अब तक इंदौर, उज्जैन, सागर, रीवा और शहडोल संभागों में ही एपीसी की बैठकें हुई हैं। 27 जून को चंबल व ग्वालियर, 25 जून को भोपाल व नर्मदापुरम, 26 जून को जबलपुर संभाग में बैठकें प्रस्तावित हैं। जबलपुर को छोड़कर बाकी के चार संभागों की दो संयुक्त बैठकें होंगी। इन संभागों के किसानों का कहना है कि बोवनी शुरू कर दी है। कुछ खाद व बीज सोसायटियों से मिला, बाकी का खुले बाजार से महंगे दामों पर लेना पड़ा। (Kharif plan for farmers)किसानों ने सुनाई व्यथा
केस-1: नर्मदापुरम संभाग को लेकर कृषि उत्पादन आयुक्त की बैठक 25 जून को भोपाल संभाग के साथ प्रस्तावित है, जबकि इस संभाग में आने वाले बैतूल जिले के ग्राम लक्कड़जाम के किसान अमरसिंह धुर्वे ने बताया कि गांव में बोवनी का 75 फीसद काम निपट चुका है।एमपी में किसानों को जमकर लगा रहे चूना, कृषि विभाग ने एडवायजरी जारी कर चेताया
प्रदेश में खाद उपलब्धता की स्थिति
खाद डीएपी प्लस पनपीके एसएसपी यूरियाउपलब्धता 3.90 लाख 4.75 लाख 4.50 लाख
वितरण अब तक 3.80 लाख 2.00 लाख 6.02 लाख
वितरण बीते वर्ष 3.70 लाख 2.07 लाख 6.00 लाख
कुल मांग 12 लाख 6.50 लाख 17 लाख
कृषि उत्पादन आयुक्त की बैठक जरूरी
- किस जिले में रकबा कितना होगा, उस पर कितना खाद, बीज और अन्य जरूरत है।
- कब उपलब्ध कराना होगा, किस जिले में किस फसल का रकबा बढ़ सकता है, उसके लिए बीज का इंतजाम कहां से कराएंगे।
- किसी जिले में खाद-बीज की कालाबाजारी तो नहीं हो रही, यदि इस तरह की शिकायतें आ रही हैं तो कैसे निपटेंगे
- संबंधित संभागों में आने वाले जिलों में किसानों की जरूरतें क्या हैं, उन्हें कैसे पूरा किया जा सकता है।