अब इनकी भी ट्रांसफर सूची तैयार की जा रही है। शिवराज सरकार के समय भी ऐसी सूची बनी थी। तब 183 पटवारी दस से पंद्रह साल से एक जगह पदस्थ मिले थे। कुछ को हटाया गया, लेकिन उच्चाधिकारियों की वजह से वे वहीं जमे रहे।
सांसद भी नाराज बोले, काम अटका रहे
जिले के पटवारियों की कार्यप्रणाली पर हाल ही में सांसद आलोक शर्मा ने भी नाराजगी जताई थी। उनका कहना था कि राजस्व के 80 फीसदी मामलों को पटवारियों ने ही अटकाया हुआ है। इस पर कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रमसिंह ने जांच कर कार्रवाई के निर्देश भी दिए थे। हालांकि, इसके बाद अभी तक कुछ हुआ नहीं। ये भी पढ़ें: ग्वालियर में जल्द चलेंगी पीएम ई-बस सेवा की 60 बसें, तय होंगे 10 रूट ! यह है निर्देश
यदि कोई राजस्व निरीक्षक अपने गृह क्षेत्र के राजस्व अनुविभाग (एसडीएम क्षेत्र) में पदस्थ है तो उसे हटाया जाएगा। इनका तबादला होगा।
ये है जिले का हाल
● 225 पटवारी कार्यरत ● 132 एक ही तहसील में 10 साल से ● 40 की पदस्थापना अपने गृह क्षेत्र की तहसील में ● 12 हजार राजस्व मामले लंबित जिले में ● 700 से अधिक शिकायतें आरआई-पटवारियों की शासन की नीति के अनुसार ही तबादला संबंधी कार्रवाई होगी। जिला प्रशासन अपने स्तर पर मॉनीटरिंग और कार्रवाई लगातार करता रहता है।- कौशलेंद्र विक्रमसिंह, कलेक्टर