सरकार ने विधानसभा में मप्र जन विश्वास (उपबंधों का संशोधन) विधेयक, 2025 पेश किया है। नए प्रावधानों के तहत अब कारावास या जुर्माना के स्थान पर पेनल्टी दस गुना बढ़ाई जाएगी। सरकार ने इसके अलावा तीन और विधेयक पेश किए हैं।
ये प्रमुख संशोधन प्रस्तावित
-मप्र एग्रीकल्चर वेयरहाउस एक्ट का उल्लंघन करने पर 3 साल कारावास की सजा को 3 लाख की पेनल्टी में बदला। -मप्र नगर पालिक निगम अधिनियम में भवन अनुज्ञा से इतर निर्माण या अतिक्रमण पर 5 हजार तक की पेनल्टी। -मप्र आयुर्वेदिक यूनानी तथा प्राकृतिक चिकित्सा व्यवसायी अधिनियम का उल्लंघन कर बिना डिग्री डॉक्टर का उल्लेख करने पर पहली बार 50 हजार फिर 1 लाख पेनल्टी। -मप्र कृषि उपज मंडी अधिनियम का उल्लंघन करने पर पहली बार 1 लाख, दूसरी बार पेनल्टी के साथ 6 माह तक कारावास।
-मप्र उपचर्यागृह तथा रुजोपचार संबंधी स्थापनाएं रजिस्ट्रीकरण अधिनियम के तहत नर्सिंग होम का उपयोग असामाजिक या अनैतिक कार्यों के लिए उपयोग पर पहली बार एक लाख और दूसरी बार तीन माह कारावास की सजा तय की गई है।
-बिना डिग्री के डॉक्टरी करने पर अब 3 साल के कठोर कारावास और 2 लाख रुपए तक का जुर्माने का प्रावधान। -नर्सिंग होम मापदंडों के अनुरूप संचालित नहीं होने या जांच के दौरासन कमियां पाए जाने पर 20 हजार रुपए पेनल्टी लगाई जा सकेगी। इससे पहले यह 10 हजार थी।
-मप्र उपचारिका, प्रसविका रजिस्ट्रीकरण अधिनियम के तहत अपंजीकृत दाई पहली बार उल्लंघन पर 10 हजार दूसरी बार 500 रुपए प्रतिदिन पेनल्टी लगेगी। -बिना रजिस्ट्रेशन वाले नर्सिंग होम में सेवाएं देने वालों पर 10 हजार रुपए पेनल्टी।
-बिना पंजीयन होयोपैथी प्रेक्टिस करने वालों पर पहली बार 50 हजार और दूसरी बार 1 लाख तक की पेनल्टी। -मप्र आयुर्विज्ञान परिषद अधिनियम में संशोधन कर अब बिना पंजीयन प्रेक्टिस करने वाले डॉक्टरों पर पहली बार 1 लाख, दोबारा उल्लंघन पर 2 हजार रुपए प्रतिदिन पेनल्टी।
-मप्र पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम के तहत पंचायत की अनुज्ञा की शर्तों का उल्लंघन करने पर सचिव द्वारा प्रकरण दर्ज कराया जा सकेगा और दोषसिद्धि पर 6 माह का साधारण कारावास या 2 हजार रुपए जुर्माना या दोनों सजा।
-ग्राम पंचायत के खुले स्थान या मार्ग पर अतिक्रमण करने वालों पर पहली बार ५ हजार उसके बाद भी कब्जा रहने पर 200 रुपए प्रतिदिन पेनल्टी। -जनपद पंचायत में शामिल सड़क या खुले स्थान पर अतिक्रमण करने पर 5 हजार की पेनल्टी।
-मप्र जन शिक्षा अधिनियम के तहत 5 से 14 साल तक के बच्चों को स्कूल जाने से रोकने पर एक हजार रुपए पेनल्टी तय करने के साथ उसे सुनवाई का अवसर देने का प्रावधान।