भडाणा ने पत्र में बताया कि सुरास व महुआ खुर्द में जिंदल सॉ की और से किए जा रहे अवैध ब्लास्टिंग और खनन को लेकर ग्रामीणों में रोष है। ग्रामीणों का आरोप है कि कंपनी की ब्लास्टिंग से उनके मकान ध्वस्त हो रहे हैं। खेतों की उपजाऊ मिट्टी खत्म हो रही और लगातार पत्थर गिरने से जान-माल का खतरा बना है। ग्राम जालिया के कई मकान गिर चुके हैं और कई गिरने की स्थिति में हैं। गांव के 205 प्रभावित किसान लगातार धरना प्रदर्शन कर रहे है, लेकिन अब तक न तो ब्लास्टिंग रुकी और न पीड़ितों को मुआवजा मिला। जिंदल ने कुछ लोगों को मुआवजे का वादा कर सूची दी थी, लेकिन इस पर कोई अमल नहीं हुआ। वहीं 2016 से अब तक पीड़ित किसानों को मुआवजा नहीं मिला है। खनन क्षेत्र के 300 मीटर के भीतर 3 गांव, स्कूल और नहर स्थित हैं, फिर भी वहां खनन व ब्लास्टिंग हो रही है जो नियमों के खिलाफ है। इसमें खान सुरक्षा महानिदेशालय के नियमों की अनदेखी की जा रही है। ज्ञापन में बताया कि जिंदल अत्यधिक विस्फोटक सामग्री का उपयोग किया जा रहा है। जबकि नियमानुसार खनन क्षेत्र से 300 मीटर के दायरे में कोई मकान या सार्वजनिक संरचना नहीं होनी चाहिए। जबकि वहां पहले से आबादी क्षेत्र है।