आयकर विभाग के अनुसार भारतीय सामाजिक पार्टी को बोगस चंदा देने के तार भीलवाड़ा से भी जुड़े हैं। इसे लेकर मंगलवार रात को एक साथ दो स्थानों पर छापे की कार्रवाई की गई। संजय कॉलोनी में तो एक युवक को टीम ने भागते हुए पकड़ा। बताया जा रहा है, टीम उसके मोबाइल को खंगाल रही है। इसमें कई चैट भी मिली हैं। उसके आधार पर कार्रवाई की जा रही है। जमीन से जुड़े दस्तावेज व रसीद बुक भी मिली है। इसके आधार पर पूछताछ चल रही है। एक अन्य स्थान पर भी कार्रवाई चल रही है।
इंदौर टीम के अनुसार विभाग ने एक ही कम्प्यूटर और आइडी से रिटर्न फाइल कर छूट लेने वाले 40 हजार से अधिक लोगों को चिह्नित किया। इनमें से कई फर्म, सीए व टैक्स प्रैक्टिशनर्स हैं। जांच में पता चला कि गलत तरीके से देश में 1045 करोड़ के क्लेम वापस लिए गए। इंदौर में सीए के यहां से 5 करोड़ का फर्जी रिफंड पकड़ाया।
कैसे हुआ खुलासा
- – आयकर विभाग को जांच के दौरान कई संदिग्ध दस्तावेज और फर्जी लेनदेन के प्रमाण मिले।
- – कुछ मामलों में राजनीतिक दलों के नाम पर रसीदें छापकर टैक्स में भारी छूट ली गई।
- – कई बिचौलियों और CA नेटवर्क की भूमिका भी जांच के दायरे में है।
- – आयकर कानून की धारा 80जीजीसी के तहत, कोई भी व्यक्ति किसी राजनीतिक दल को दिए गए चंदे पर टैक्स में छूट का दावा कर सकता है। लेकिन जांच में सामने आया कि कई लोगों ने फर्जी रसीदें और बनावटी बिल दिखाकर ऐसे दान का दावा किया, जबकि वास्तव में चंदा दिया ही नहीं गया था.
अब आगे क्या होगा
आयकर विभाग इन सभी मामलों में विस्तृत पूछताछ करेगा और फर्जी रसीदें दिखाकर टैक्स में छूट लेने वालों को नोटिस भेजेगा। साथ ही चंदा देने के फर्जी दावों को मंजूरी देने वाले नेटवर्क पर भी शिकंजा कसेगा। अभियान का उद्देश्य आमदनी छिपाकर, फर्जी दस्तावेजों के माध्यम से टैक्स में छूट लेने वालों को बेनकाब करना है, ताकि टैक्स व्यवस्था में पारदर्शिता बनी रहे।