खान एवं भू विज्ञान निदेशालय में पर्यावरण व विकास के अतिरिक्त निदेशक महेश माथुर ने बताया कि प्रदेश के सभी जिला स्तर पर प्राप्त पर्यावरण स्वीकृति को सीया से पास कराने व पर्यावरण स्वीकृति के लिए आवेदन किए थे। इन आवेदनों में कई खामियां रहने से सीया ने निरस्त कर दिया। माथुर ने प्रदेश के सभी खनिज अभियंता व सहायक खनिज अभियंता को निर्देश दिए हैं कि वे अपने क्षेत्र की सभी 226 खदानों में तुरंत प्रभाव से खनन कार्य बंद करवा दें।
इनके आवेदन हुए खारिज खारिज किए आवेदनों में सबसे अधिक 77 आवेदन राजसंमद जिले के हैं। इसके अलावा करौली 37, अलवर 27, बूंदी 22, भीलवाड़ा 14, उदयपुर 11, जयपुर व नागौर 5- 5, कोटा व दौसा 4-4, झुंझुनू, भरतपुर, सवाई माधोपुर व बांसवाड़ा 3- 3, धौलपुर-झालावाड़ 2-2, अजमेर, जोधपुर, बारां व सीकर में 1-1 लीज शामिल है। यह सभी 226 लीज धारक अब पुन: आवेदन नहीं कर सकेंगे।
2 दिसंबर के बाद के आवेदनों पर विचार नहीं भीलवाड़ा की (डीईआईएए) जिला पर्यावरण प्रभाव मूल्यांकन प्राधिकरण ने 961 आवेदन को पास किया था। इनमें से 865 ने सीया से पर्यावरण स्वीकृति के लिए आवेदन किया। सीया ने 853 को स्वीकृति जारी की है। लेकिन 595 ने 2 दिसंबर 2024 तक ही पोर्टल पर फार्म 2 अपलोड किए थे। उसके बाद 18 मार्च तक कुल 145 अन्य खननधारकों ने आवेदन किए हैं। 2 दिसंबर के बाद किए गए आवेदनों पर अब तक सीया ने विचार नहीं किया है।