बता दें कि न्यास ने स्पष्ट किया कि आवेदन फॉर्म की बिक्री और फॉर्म जमा कराने की प्रक्रिया जारी रहेगी। हालांकि, न्यायालय के आदेश की पालना में लॉटरी फिलहाल नहीं निकाली जाएगी।
अभिभाषक संस्था ने पेश की याचिका
न्यास के भूखंड आवंटन लॉटरी में वकीलों के लिए पांच फीसदी भूखंड आरक्षित नहीं किए जाने से सिविल न्यायाधीश एवं न्यायिक मजिस्ट्रेट पूर्व में जिला अभिभाषक संस्था की तरफ से याचिका पेश की गई। इसमें बताया कि आरक्षण की मांग को लेकर कलेक्टर को भी पत्र लिखा गया, लेकिन कोई निर्णय नहीं हुआ। न्यायालय ने शुक्रवार को याचिका पर सुनवाई करते हुए 14 जुलाई तक अस्थाई निषेधाज्ञा जारी की है।
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जिला अभिभाषक संस्था अध्यक्ष ने क्या कहा
जिला अभिभाषक संस्था अध्यक्ष राजेश शर्मा ने बताया कि न्यायालय ने आदेश में कहा कि योजना के संबंध में जारी विज्ञप्ति पर अस्थाई निषेधाज्ञा के प्रार्थना पत्र के जवाब आने तक लॉटरी जारी करने व अन्य कोई आगामी कार्रवाई नहीं करे व यथा स्थति बनाए रखें। उन्होंने बताया कि यथास्थति की पालना न्यास को करना चाहिए। ऐसे में आवेदन पत्रों की बिक्री व जमा कराने की प्रक्रिया भी संभव नहीं है। न्यायालय के आदेश की अवेहलना करने पर संस्था अवमानना की कार्रवाई करेगा।
लॉटरी प्रकिया पर पूर्ण स्थगन नहीं
इधर, न्यास सचिव ललित गोयल ने न्यास सभागार में पत्रकारों से बातचीत की। उन्होंने बताया कि न्यायालय के अस्थाई निषेधाज्ञा की विवेचना की है। लॉटरी प्रकिया पर पूर्ण स्थगन नहीं है। लॉटरी से आवंटन के लिए आवेदन पत्र सबंधित बैंको के माध्यम से विक्रय किए जा रहे हैं। भरे आवेदन पत्र सबंधित बैंकों में प्राप्त किए जा रहे हैं। न्यायिक विवाद को विधि समत तरीके से स्थापित प्रक्रिया के माध्यम से सुलझाया जाएगा।