एक छात्रा ने पत्रिका को बताया कि वह पांसल रोड स्थित एक निजी कॉलेज में बीए-बीएड द्वितीय वर्ष अंग्रेजी साहित्य का पेपर देने गई। पेपर 80 अंक का था। लेकिन किसी भी सवाल के सामने अंक नहीं लिखे थे की वह कितने नंबर का है। हालांकि प्रश्न से पहले लिखा था कि प्रत्येक इकाई में से कम से कम एक प्रश्न का चयन करते हुए कुल मिलाकर पांच प्रश्नों के उत्तर दीजिए। निबन्ध प्रकार के प्रश्नों का उत्तर 400 शब्दों से अधिक नहीं होना चाहिए और लघु उत्तर प्रकार के प्रश्नों का उत्तर 150 शब्दों से अधिक नहीं होना चाहिए। सभी प्रश्नों पर समान अंक हैं। लेकिन मजेदार बात यह है कि पहला सवाल था कि किन्ही चार छंदों की व्याख्या करें। जबकि पेपर में चार ही छंद दे रखे थे। वही पार्ट द्वितीय में पांचवे प्रश्न में सवाल के नीचे अथवा लिखा लेकिन सवाल ही नहीं था। इसके बारे में छात्राओं ने जब शिक्षक से सवाल किए तो उसने अपनी असहमति जताई। ऐसे में छात्रों को परेशानी उठानी पड़ी।