CG News: मोरल एजुकेशन भी विषय में शामिल
डिप्लोमा इंजीनियरिंग के छात्र अब पहले सेमेस्टर में बेसिक कंप्यूटर फंडमेंटल के साथ कंप्यूटर थ्रेड्स नाम का नया कोर्स जोड़ दिया है। यह कोर्स हर ब्रांच विद्यार्थियों को पढ़ना होगा। इसके अलावा अब डिप्लोमा के विद्यार्थियों को योग और मेडिटेशन का विषय भी पढ़ाया जाएगा। इसके लिए उन्हें कोई क्रेडिट नहीं मिलेगा, लेकिन विद्यार्थियों की मार्कशीट में इसका उल्लेख जरूर होगा। सीएसवीटीयू ने इसे वैल्यू एडेड कोर्स कहा है। पहले सेमेस्टर में
विद्यार्थियों को उत्तीर्ण होने के लिए २१ क्रेडिट की जरूरत होगी वहीं दूसरे सेमेस्टर 22 क्रेडिट प्वाइंट जरूरी होंगे। खास बात यह है कि पहले तक डिप्लोमा के हर ब्रांच में इंजीनियरिंग ड्राइंग विषय अनिवार्य नहीं था, लेकिन इसे एनईपी के नए सिलेबस में सभी के लिए जरूरी कर दिया गया है।
CG News: इंजीनियरिंग में हो गए बदलाव
इंजीनियरिंग के पहले से चौथे सेमेस्टर तक की पढ़ाई में चार नए विषय जोड़े गए हैं। विद्यार्थी पहले सेमेस्टर में प्राचीन भारतीय ज्ञान पढ़ेंगे। वहीं दूसरे सेमेस्टर में भारतीय संस्कृति और संविधान पढ़ाया जाएगा। इसी तरह तीसरे सेमेस्टर में एडिशनल विषय भारतीय ज्ञान परंपरा, विज्ञान और अभ्यास जोड़ा गया है। शुरुआती तीन सेमेस्टर में देश और प्रदेश की सभ्यता और संस्कृति को समझने के बाद विद्यार्थियों को चौथे सेमेस्टर में श्रीमद् भगवत गीता पढ़ाई जाएगी। एस्ट्रोनॉमी और एस्ट्रोलॉजी का चैप्टर होगा। इससे विद्यार्थियों को जीवन और ब्रम्हांड के पहलू पता चलेंगे। एनईपी पर आधारित नया सिलेबस इंजीनियरिंग से लेकर फार्मेसी और डिप्लोमा तक सभी ब्रांच के लिए अप्लाई होगा।
डिप्लोमा कोर्स में जोड़े गए नए विषय
सीएसवीटीयू के एनईपी आधारित सिलेबस को इस तरह से तैयार किया गया है कि, इससे विद्यार्थियों को मल्टीपल एंट्री और एग्जिट के विकल्प मिलेंगे। पहले साल की पढ़ाई पूरी करने के बाद पढ़ाई छोड़ने की स्थिति में
सर्टिफिकेट मिल जाएगा। ऐसे ही दूसरे और तीसरे साल की पढ़ाई के बाद एग्जिट करने पर डिप्लोमा की पात्रता होगी। पूरा कोर्स मुकम्मल करने वाले विद्यार्थी डिग्री के हकदार बनेंगे। अभी बीच में पढ़ाई छोड़ने के बाद वहीं से वो कोर्स शुरू करने का प्रावधान नहीं है, लेकिन मल्टीपल एंट्री और मल्टीपल एग्जिट फॉर्मूले से यह मुमकिन हो सकेगा।
मोरल एजुकेशन देने के लिहाज से सीएसवीटीयू ने डिप्लोमा इंजीनियरिंग में यूनिवर्सल ह्युमन विषय नया जोड़ दिया है। इसके अलावा स्पोर्ट्स एंड सोशल कम्युनिटी सर्विस भी बिल्कुल नया विषय विद्यार्थियों को दिया गया है। फिजिक्स, केमिस्ट्री के सिलेबस से कंटेट को कम किया गया है।
यह सिर्फ उतना रखा गया है, जितनी विद्यार्थियों को जरूरत होगी। ऐसा इसलिए क्योंकि पहले सेमेस्टर में विद्यार्थियों को १०वीं के स्तर के ही पीसीएम पढ़ाए जाते थे, जबकि वही तथ्य वे दोबारा से पढ़ते थे।
सीएसवीटीयू कुलसचिव डॉ. अंकित अरोरा ने कहा की इस साल से तकनीकी कॉलेजों में नई शिक्षा नीति लागू कर दी गई है। सीएसवीटीयू ने डिप्लोमा इंजीनियरिंग और बीटेक का सिलेबस लॉन्च कर दिया है। नया सिलेबस वेबसाइट पर भी डाल दिया गया है। इसके संबंध में प्राचार्य व प्रोफेसरों को प्रशिक्षण भी दिया गया है।