Nagar nigam Allowance: 2009 के बाद सेवानिवृत्ति कर्मचारी थे परेशान
गौरतलब है कि कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति के बाद सामाजिक सुरक्षा के मद्देनजर उपादान यानि ग्रेच्युटी की राशि का भुगतान करने का प्रावधान है। यह राशि कर्मचारियों के वेतन का ही एक हिस्सा होता है, जिसे नियोक्ता द्वारा काटकर जमा कराया जाता है। बताया जाता है कि राज्य शासन ने वर्ष 2008 में एक आदेश पारित कर इसके बाद नियमित होने वाले कर्मचारियों के उपादान का दायित्व नगर निगम को दे दिया है। इसके बाद से नगर निगम में भुगतान की स्थिति बिगड़ गई है और 2009 के बाद सेवानिवृत्त किसी भी कर्मचारी को उपादान की राशि का पूर्ण भुगतान नहीं किया जा सका है। इंतजार में कई कर्मचारी हो चुके है दिवंगत
Employees Allowance: निगम सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक उपादान राशि के इंतजार में लगभग 70 कर्मचारी दिवंगत हो चुके हैं। उनके आश्रितों ने उनके उपादान राशि के लिए नगर निगम में आवेदन लगाया हुआ है। मृतक कई कर्मचारियों को सेवानिवृत हुए 10 से 15 साल हो चुके हैं, परंतु उन्हें उपादान की राशि अब तक नहीं मिली है।
नगर निगम में सत्ता परिवर्तन के बाद पिछले दिनों सामान्य सभा में मौजूदा परिषद ने कर्मचारियों को उपादान की राशि भुगतान का निर्भय लिया था। बताया जा रहा है कि निगम के संचित निधि के ब्याज से राशि भुगतान की तैयारी है। इसी के तहत पात्र कर्मचारियों की सूची तैयार की गई है। निगम प्रशासन द्वारा जल्द कर्मचारियों के खाते में राशि डाले जाने की बात कही जा रही है।
इधर नगर निगम प्रशासन दायित्व रिण के अनुरूप खुद भुगतान बजाए सरकार को चिट्ठी लिखकर खानापूर्ति करता रहा है। मामले में प्रशासन द्वारा वर्ष 2018, 22 और 2023 में शासन को भेज कर उपादान की राशि मांग किया गया है। किन्तु इस पर कोई जवाब नहीं दिया गया है।