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बारिश और गरज चमक की संभावना बनी हुई है। मौसम विभाग ने दुर्ग समेत पूरे छत्तीसगढ़ में सोमवार को गरज-चमक के साथ बिजली गिरने का यलो अलर्ट जारी किया है। अगले छह दिनों में, प्रदेश में मध्यम से भारी बारिश का दौर जारी रहेगा। 24 जून को सुबह हवा तेज होंगी और बारिश भी रहने की संभावना है।
25 जून से 27 जून तक आर्र्दता अधिक रहेगी, वर्षा आंशिक रूप से और गरज-चमक वाली होगी। 28 और 29 जून को दोपहर और शाम को नियमित बारिश होगी। इससे पहले सोमवार को भिलाई-दुर्ग में जगह-जगह खंड़ावर्षा हुई। कोहका में करीब १० मिनट अच्छा पानी गिरा, जबकि उसके आगे सुपेला पूरी तरह सूखा रहा। हालांकि दिनभर बादल छाए रहने से तापमान में हल्की गिरावट जरूर आई है। इससे पहले रविवार की रात को भी हल्की बूंदाबांदी हुई थी। जिससे रात में उमस कम हो गई।
जिले में 26 से बारिश संभावित मौसम विभाग के विशेषज्ञ एचपी चंद्रा ने बताया कि, प्रदेश में 26 जून से व्यापक वर्षा होने की संभावना है। यानी दुर्ग जिले में भी झमाझम बारिश हो सकती है। इस समय दुर्ग जिले में मानसून पूरी तरह से एक्टिव नहीं है, लेकिन उसकी दस्तक का अहसास बादलों से हो रहा है। एक-दो दिनों में मानसून के सक्रिय होकर अच्छी बारिश कराने की उमीद की जा रही है। बंगाल की खाड़ी में सिस्टम भी तैयार हो रहा है, जो बारिश का दौर बढ़ाने में मददगार साबित होगा। धीरे-धीरे द्रोणिका और विक्षोभ के असर कम होने से बारिश में इजाफा होेने की संभावना जताई गई है।
बंगाल की खाड़ी से लगातार नमी आसमान तक पहुंच रही है। जिससे पूरे प्रदेश में बारिश और सहायक गतिविधियां जारी हैं। पिछले माह तापमान सामान्य से 2-4 डिग्री से कम रहा। जिससे पूरे मध्य भारत, विशेषकर छत्तीसगढ़ समेत मध्य प्रदेश, विधर्भ में सामान्य तापमान की तुलना में ठंडक महसूस हुई। वर्तमान में अधिकतम तापमान 30-32 डिग्री सेल्सियस के आसपास चल रहा है, जो कि मानसून के लिए अपेक्षित सीमा में है। रात में न्यूनतम 24 से 26 डिग्री तक गिर रहा है, जो अधिकांश जिलों में सामान्य से कुछ कम है। आर्र्दता 70-90 फीसदी तक बनी हुई है, जिससे हालात गर्म और भारी उमस महसूस होती हैं, लेकिन मृदा में पोषक नमी बनी रहती है जिससे किसानों को सीधी राहत मिलती है।
यहां तेज बारिश की संभावना इस वर्ष मानसून सामान्य से पहले, मई अंत तक छत्तीसगढ़ प्रवेश कर चुका है, जो पिछले 64 वर्षों में पहली बार हुआ। यह 13 जून की सामान्य तिथि से लगभग 16 दिन पहले था। सुकमा, दंतेवाड़ा, बस्तर, नारायणपुर जैसे दक्षिणी जिलों में बारिश और सक्रिय गतिविधि तेज देखने को मिली। बाद में मानसून का प्रभाव धीमा हो गया। बस्तर से आगे सक्रियता धीमी हुई, जिससे कुछ जिलों में फिर गर्मी और बारिश में कमी आई। इसके अलावा दुर्ग जिले में मानसून ने सिर्फ दो दिनों में करीब 56 मिमी. बारिश कराई। इसके बाद से जिले में तेज बारिश नहीं रिकॉर्ड की गई। इस तरह जून मध्य के बावजूद अच्छी बारिश नहीं हुई।