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CG Admission News: मार्कशीट मिली ना ही TC, कॉलेजों में एडमिशन लेना मुश्किल, छात्र परेशान… बीएससी बायोलॉजी जैसे विषय में भी एडमिशन के लिए छात्राओं ने तत्परता नहीं दिखाई क्योंकि 8 छात्राएं ही प्रवेश लेने पहुंची। माइक्रो बायोलॉजी का तो हाल और बेहाल है। इसमें सिर्फ तीन एडमिशन हुए हैं। हालांकि बीएससी गणित में 12 दाखिले हो गए। उधर, शासकीय उतई
महाविद्यालय का हाल भी कुछ ऐसा ही बना हुआ है। यहां बीए की 250 सीटों की तुलना में 75 एडमिशन हुए। हालांकि यहां छात्रों ने बीएससी की 130 सीटों के विपरित 50 एडमिशन ले लिया है। बीकॉम में भी करीब 70 सीटों पर प्रवेश पक्के हो गए हैं।
इस साल दुर्ग जिले के ग्रामीण कॉलेजों में अभी तक प्रथम चरण के एडमिशन में विषयवार प्रवेश ग्राफ दहाई का आंकड़ा भी पार नहीं कर पाया है। कॉलेजों ने पहली सूची के बाद अब एक-दो दिनों में वेटिंग लिस्ट जारी करने तैयारी की है, ताकि एडमिशन ग्राफ को बढ़ाया जा सके।
अब दूसरे व तीसरे चरण से उमीद अधिकतर शासकीय कॉलेजों का कहना है कि, दूसरे और तीसरे चरण के एडमिशन में सर्वाधिक प्रवेश होंगे। एक छात्र को पांच कॉलेज चुनने का विकल्प ऑनलाइन मिला था, जिसे उन्होंने अपनी प्राथमिकता के क्रम में रखा। इसकी वजह से भी एक छात्र का नाम कई कॉलेजाें में आ गया। जिले के सरकारी कॉलेजों में देर से ही सही, लेकिन अधिकतर सीटों पर एडमिशन हो जाते हैं।
इस साल पहले चरण में एडमिशन की सुस्ती है, दूसरे चरण के आवेदनों का ग्राफ भी कमजोर है, लेकिन बावजूद इसके उमीद लगाई जा रही है कि कोर विषयों की सीटों में 75 फीसदी तक एडमिशन जरूर होंगे।
साइंस कॉलेज में सर्वाधिक प्रवेश जिले के सरकारी कॉलेजों के बीच दुर्ग का साइंस कॉलेज ऑटोनोमस संस्थान अपना रुतबा बनाए रखने में कामयाब हुआ है। यहां पहले चरण के प्रवेश में बीए को छोड़ शेष विषयों में ठीकठाक स्थिति है। साइंस कॉलेज में बीए की 500 सीटें है, जिसमें से 182 विद्यार्थियों ने प्रवेश लिया। बीकॉम की 520 सीटों में से 246 दाखिले हो चुके हैं। बीसीए की 60 सीटों में से 22 में एडमिशन दिया जा चुका है। साइंस कॉलेज में एडमिशन के लिए कॉलेज की वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन आवेदन करने होंगे। पर और ऑफलाइन कॉलेज के नोटिस बोर्ड पर चस्पा कर रहा है।
किसमें कितनी सीट बीए – 17125 बीएससी – 18880 बीबीए – 1280 बीसीए – 1695 बीकॉम – 13379 डीसीए – 1575 बीएससी होम साइंस – 270 एक जुलाई से कॉलेजों की कक्षाएं भी शुरू हो जाएंगी। कॉलेजों में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत पढ़ाई हो रही है, जिसके तहत कोर्स कंटेंट को चार भागों में बांटा गया है। नए विद्यार्थियों को इसके बारे में जानकारी होना जरूरी है।