बिलासपुर वेटनरी कॉलेज के लिए इस साल वीसीआई
निरीक्षण की संभावना नहीं है। पदों पर नियुक्तियों से लेकर कई तथ्यों को पूरा करने में समय लगेगा। कोशिश रहेगी कि अगले सेशन या उसके बाद इसकी शुरुआत हो पाए।
डॉ. के. मुखर्जीडीन, कामधेनु विश्वविद्यालय अंजोरा दुर्ग बिलासपुर वेटनरी के लिए पदों पर भर्ती को सबसे अहम बताया गया है, जबकि यहां माजरा कुछ और ही है। विभागीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जिन स्टाफ को बिलासपुर के लिए नियुक्त किया गया था, वे सभी कभी बिलासपुर गए ही नहीं। उनका वेतन बिलासपुर के कॉलेज से निकल रहा है, लेकिन काम अंजोरा दुर्ग कामधेनु विश्वविद्यालय में लिया जा रहा है।
यह कमियां पाई थी वीसीआई ने पूर्व में कामधेनु विश्वविद्यालय ने
बिलासपुर के लिए जिन पदों पर भर्ती की थी, उन्हें काफी दिन अंजोरा मुयालय में बैठाए रखा। निरीक्षण के बाद कुछ दिनों पहले उन्हें वापस बिलासपुर भेजा गया, लेकिन इस पर भी वीसीआई ने तर्क को कबूल नहीं किया। वीसीआई ने बिलासपुर कॉलेज के लिए पर्याप्त पदों पर भर्ती को सबसे बड़ी जरूरत बताया।
इसके अलावा अधूरा कैंपस, टीचिंग स्टाफ की कमी, अधूरी प्रयोगशाला, अव्यवस्थति कक्षाओं के साथ लाइब्रेरी की कमी उजागर की थी। वेटनरी कॉलेज के लिए जरूरी एक्सपरीमेंट फार्म को भी अहम बताया था। विवि को व्यवस्थाएं दुरुस्त करने कहा गया था, लेकिन इनमें से कोई काम पूरा नहीं हुआ है।
80 सीटों के लिए चाहिए मान्यता बिलासपुर जिला कलेक्टर ने कामधेनु विश्वविद्यालय के कैंपस निरीक्षण किया था, जिसके बाद प्रशासनिक स्तर पर इसे हरी झंडी मिल गई थी। कामधेनु विश्वविद्यालय की संबद्धता से अभी तक सिर्फ अंजोरा वेटनरी कॉलेज की 80 सीटों पर ही प्रवेश दिया जाएगा। एमबीबीएस के बाद वेटनरी की ही सबसे अधिक मांग होती है, जिसकी वजह से अभी तक एक सीट के लिए 40 उमीदवार तक रहते हैं।