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भरतपुर

Pilot Project: घर बैठे बुजुर्गों तक पहुंचेगा ‘इलाज’… भीड़ और लंबी कतारों से राहत

जल्द शुरू हो रही ‘पैलिएटिव केयर योजना’ उन बुजुर्ग मरीज और उनके परिजनों के लिए उम्मीद की किरण है, जो गंभीर और लाइलाज बीमारियों के चलते घर की चारदीवारी में कैद होकर रह गए हैं।

भरतपुरAug 14, 2025 / 10:52 am

anand yadav

Home Based Palliative Care Scheme: अस्पताल की भीड़…लंबी कतारें और सफर की थकान अब असाध्य रोगियों के लिए अतीत की बात हो जाएगी। भरतपुर जिले में जल्द शुरू हो रही ‘पैलिएटिव केयर योजना’ उन बुजुर्ग मरीज और उनके परिजनों के लिए उम्मीद की किरण है, जो गंभीर और लाइलाज बीमारियों के चलते घर की चारदीवारी में कैद होकर रह गए हैं। जिले के गंभीर असाध्य रोग से ग्रसित रोगियों का फॉलोअप व देखभाल घर बैठे होगा। ऐसे रोगियों का चिन्हिकरण कर स्वास्थ्य विभाग ने गंभीर असाध्य रोग से ग्रस्त रोगियों के लिए गृह आधारित देखभाल की सुविधा शुरू करने जा रही है।
इस सेवा के तहत पैलिएटिव केयर वाहिनी का शुभारंभ भी जल्द किया जाएगा। वे मरीज जो गंभीर असाध्य बीमारी के इलाज के बाद लौटे हैं, ऐसे बुजुर्ग जो बीमारियों से ग्रसित हैं और इलाज के लिए अस्पताल नहीं जा सकते, उन सभी का स्वास्थ्य विभाग की ओर से रजिस्ट्रेशन किया जाएगा।

ये बीमारियां होंगी शामिल

पायलट प्रोजेक्ट होम बेस्ड पैलिएटिव केयर योजना के तहत कैंसर, हृदय रोग, किडनी, लीवर की गंभीर बीमारियां, न्यूरोलॉजिकल बीमारियां, बुजर्गों में मल्टीपल क्रॉनिक डिजीज से जुड़े रोगियों को घर पर उपचार करेंगे। बुजुर्ग मरीज के घर पर नर्सिंगकर्मी दर्द, उल्टी, सांस की तकलीफ एवं बैचेनी आदि से राहत दिलाने के अलावा मरीज और परिवार को मानसिक तनाव, चिंता और अवसाद से दूर रखने का भी कार्य करेंगे।
पायलट प्रोजेक्ट होम बेस्ड पैलिएटिव केयर योजना, फोटो एआइ

प्रशिक्षित करेगी टीम

कार्यक्रम के तहत मरीजों को क्वालिटी ऑफ लाइफ मिलेगी। मरीजों की देखभाल के लिए परिजनों को प्रशिक्षित करेंगे। कार्यक्रम के तहत जिन बीमारियों का इलाज संभव नहीं होता, उन मरीजों को पैलिएटिव केयर मिलेगी।
 पैलिएटिव केयर योजना बुजुर्गों के लिए कारगर, फोटो एआइ

बुजुर्ग और गंभीर मरीजों के लिए कारगर

यह सुविधा खासतौर से ऐसे बुजुर्ग और गंभीर मरीजों के लिए कारगर साबित होगी, जो अस्पताल आने-जाने में असमर्थ हैं या जिनके लिए लंबी दूरी तय करना स्वास्थ्य के लिहाज से जोखिम भरा है। केयर सेवा से न केवल मरीजों को राहत मिलेगी, बल्कि उनके परिजनों को भी अस्पताल में भर्ती कराने की परेशानी से छुटकारा मिलेगा।
डॉ. असित श्रीवास्तव, डिप्टी सीएमएचओ एवं नोडल ऑफिसर भरतपुर

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