सभा में युवाओं को संबोधित कर रहे विश्वेन्द्र सिंह ने चुटकी लेते हुए कहा कि आज के युवा जो कर रहे हैं, कोई बड़ा-बूढ़ा नहीं समझ सकता। लेकिन अभी मैं बूढ़ा नहीं हूं। सभा में विश्वेन्द्र सिंह ने पूर्व राजपरिवार के इतिहास पर बोलते हुए कहा कि मैं किसी का नाम नहीं लूंगा। लेकिन कई दिनों से सोशल मीडिया पर चल रहा है कि हमारा निकास करौली से है। अगर किसी को ज्ञान है तो जवाहर बुर्ज पर जाकर देखे, जहां श्रीकृष्ण भगवान से लेकर भरतपुर के पूर्व राजपरिवार के अंतिम शासक बृजेन्द्र सिंह का नाम लिखा हुआ है।
बयान के पीछे यह है विवाद का कारण
पूर्व राजपरिवार के करौली से निकास को लेकर पिछले काफी समय से विवाद चल रहा है। जाट समाज की ओर से इसको लेकर खंडन करते हुए निंदा प्रस्ताव भी पारित किया जा चुका है। पूर्व राजपरिवार के सदस्य अनिरूद्ध सिंह ने दावा किया था कि उनके पूर्व राजपरिवार का निकास करौली से है। साथ ही हाल में ही नागौर में एक जनप्रतिनिधि की ओर से बयानबाजी करने के बाद फिर से अनिरुद्ध सिंह ने करौली से भरतपुर के पूर्व राजपरिवार का निकास होने का दावा किया था। तभी से मामला सोशल मीडिया पर तूल पकड़ रहा है।
…तीसरी बार बोले
मामला पिछले करीब दो साल से गर्माया हुआ है। खुद पूर्व मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने 4 जनवरी 2023 को पैंघोर के मंदिर में हुई पंचायत में कहा था कि उनके पूर्वज जाट थे, जाट हैं और जाट रहेंगे। इसी तरह पांच मार्च 2023 को जयपुर में हुए जाट महाकुंभ में भी पूर्व मंत्री विश्वेंद्र सिंह इस मामले पर बोले थे, लेकिन उसके बाद अब एक बार फिर से पूर्व मंत्री ने इस मामले पर चुप्पी तोड़ी है।