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हिस्ट्रीशीटर के मकान पर युवक याकूब काठात की पिटाई के मामले को भी प्रशासन और पुलिस ने गंभीरता से लिया और अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करते हुए तेजपाल सिंह के मकान के पर बुलडोजर चलाया। इससे पहले 25 मई को तेजपाल सिंह को गिरफ्तार किया और बाजार में जुलूस निकाला गया था। ब्यावर के लोगों ने देखा कि जो तेजपाल याकूब काठात को बेरहमी से पीट रहा था, उसी तेजपाल सिंह को सड़क पर चलने में कठिनाई हो रही थी।
कहा जा सकता है कि पुलिस ने तेजपाल सिंह की गुंडई की हवा निकाल दी। प्रशासन और पुलिस ने यह संदेश दिया है कि यदि कोई दबंग व्यक्ति कानून को अपने हाथ में लेगा तो उसके विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी।
लोगों ने जताया था आक्रोश
हिस्ट्रीशीटर तेजपाल सिंह और उसके साथियों के खिलाफ ठोस कार्रवाई की मांग को लेकर लोगों ने रविवार को आक्रोश जताया था। लोगों ने रायपुर थाना पुलिस पर भी सवाल उठाए थे। ब्यावर पुलिस अधीक्षक के नाम जैतारण पुलिस उपाधीक्षक सत्येंद्र नेगी को ज्ञापन सौंपकर आरोपी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की थी।
क्या हुआ था मामले में
ज्ञापन में बताया कि डंपर चालक याकूब को जेसीबी से लटका कर बेल्ट और डंडे से पीटने के बाद ब्यावर चिकित्सालय में भर्ती कराया गया। जहां तीन दिन तक उसका इलाज चला। चिकित्सकों ने एमएलसी केस की सूचना पुलिस को नहीं दी, जिससे उनकी भूमिका भी संदिग्ध बताई। ग्रामीणों ने पुलिस की खुफिया और बीट व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए घटना की निष्पक्ष जांच की मांग की।
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साथ ही आरोपी की कॉल डिटेल्स की जांच की भी मांग की, जिससे उसे शह दे रहे नेताओं के नाम सामने आ सके। इस दौरान रायपुर प्रधान कमला चौहान, पूर्व पुलिस अधीक्षक नेम सिंह चौहान, जिला परिषद सदस्य एडवोकेट महेंद्र सिंह चौहान, सेंदड़ा सरपंच रतन सिंह आदि सहित कई जने मौजूद थे। जैतारण ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष किशोर चौधरी ने पीड़ित के निवास स्थान पर जाकर उसका हालचाल जाना और परिजनों से मुलाकात की।

तेजपाल का पिता से बताया विवाद
आरोपी तेजपाल सिंह का अपने पिता चंदन सिंह से आपसी विवाद बताया। इसके चलते ड्राइवर याकूब काठात को निशाना बनाया बताया। याकूब पहले चंदन सिंह के पास ही काम करता था। याकूब पर सीमेंट ऑर्डर आदि सहित अन्य मामलों में मुखबिरी के आरोप लगाए। सूत्रों के अनुसार मारपीट के दौरान तेजपाल ने अपने पिता को वीडियो कॉल कर याकूब को उल्टा लटकाकर पीटते हुए भी दिखाया बताया।
याकूब की जुबानी- ब्यावर में कराया था इलाज
याकूब ने बताया कि छह अप्रैल को उसे गांव से बुलाकर डंपर लेकर जयपुर भेजा था। सात अप्रैल को डंपर में लगे जीपीएस से ट्रैक करते हुए तेजपाल ने दो अन्य लोगों के साथ अजमेर के पास पहुंचकर डंपर रुकवाया। उसे अपनी गाड़ी में बिठाकर मारपीट करते हुए गुड़िया अपनी फैक्ट्री में ले गया। यहां जेसीबी से उल्टा लटका कर बेरहमी से पीटा। दूसरे दिन सुबह उसे घर के बाहर पटककर चले गए।
पुलिस को मामले की जानकारी न देने की धमकी दे गया। याकूब के परिवार वाले उसे ब्यावर के अमृतकौर अस्पताल ले गए और भर्ती कराया। सहमे हुए याकूब ने डॉक्टरों से भी पुलिस को सूचना न देने की बात कही। तीन दिनों के उपचार के बाद वापस अपने गांव आ गया। जहां उसने निजी चिकित्सक से इलाज करवाया।