इसके बाद कमेटी सदस्य ने सामरेड़ कलां से समीप गोडियाणा, ताला से गुजर रही बाण गंगा नदी का दौरा कर बहाव क्षेत्र की हकीकत जानी। इसके बाद वे बाण गंगा नदी के उद्गम स्थल विराटनगर के दोलाज की पहाड़ियों में पहुंचे। कमेटी को यहां उद्गम स्थल के आगे बहाव क्षेत्र सिकुड़ा व गायब मिला। वहीं नदी बहाव क्षेत्र में ग्रेवल सड़क निर्माण को नहीं हटाने पर नाराजगी जताई। डांगी ने जल संसाधन विभाग के एईएन शैलेन्द्र चौधरी को कहा कि अगर बहाव क्षेत्र में किसी की खातेदारी भूमि है ओर वहां बिना एनओसी पक्का निर्माण कार्य किया जा रहा है तो गलत है। पहले खातेदार को नोटिस जारी करे। इसके बाद भी सुनवाई नहीं करने पर उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाएं। वहीं उद्गम स्थल से आगे पानी निकास के लिए चैनल बनाने की भी बात कही।
रामगढ़ बांध से कमेटी सदस्य ताला से गुजर रही बाण गंगा नदी पहुंचे। यहां बहाव क्षेत्र में बन रहे रिसोर्ट व स्विमिंग पूल का मौका देखा। अधिकारियों ने खातेदारी भूमि में निर्माण होना बताया। जिस पर कमेटी सदस्य ने कहा कि बहाव क्षेत्र में खातेदारी भूमि में निर्माण के लिए भी एनओसी की जरूरत होती है। जिस पर मौजूद जल संसाधन विभाग के अधिकारियों ने निर्माण के लिए किसी प्रकार की एनओसी जारी नहीं करने की जानकारी दी।

निरीक्षण के दौरान सामरेड़ कलां के समीप गोडियाणा में कमेटी को पहाड़ी में अवैध खनन मिला। वहीं खनन से नाले का बहाव क्षेत्र भी अवरुद्ध था। पिछले साल रोक के बावजूद पहाड़ी में खनन को लेकर कमेटी सदस्य ने नाराजगी जताई। विराटनगर के श्यामपुरा स्थित पहाड़ी में चल रहे अवैध खनन का मुआयना किया। कमेटी सदस्य ने कहा कि अगर पहाड़ ही नहीं रहेंगे तो बारिश के बाद पहाड़ों का प्राकृतिक पानी नदी तक कैसे पहुंचेगा।
निरीक्षण के दौरान कमेटी सदस्य, विराटनगर एसडीएम अमिता मान, तहसीलदार लालाराम यादव, गिरदावर गोपाल मीणा सहित विभागीय अधिकारियों के साथ दोलाज स्थित बाण गंगा नदी के उद्गम स्थल पहुंचे। यहां नदी उद्गम स्थल के आगे बहाव क्षेत्र छोटे नाले में तब्दील मिला। वहीं कई जगहों पर तो बहाव क्षेत्र का स्वरूप बदलने से गायब मिला। उद्गम स्थल के पास सानिवि द्वारा पांच साल पहले बनाई गई ग्रेवल सड़क भी यथावत मिली। जिस पर डांगी ने नाराजगी जताई।
कमेटी सदस्य ने मैड़ से पहले नदी बहाव क्षेत्र के समीप चल रहे दीवार निर्माण कार्य का भी निरीक्षण किया। यहां मौका रिपोर्ट की जानकारी मांगी तो पटवारी के पास रिकॉर्ड नहीं मिला। वहीं सूचना के बाद भी खनन विभाग के जिम्मेदार दौरे के दौरान नदारद रहे। डांगी ने नदी बहाव क्षेत्र के समीप चल रहे निर्माण कार्य को बंद करवाने व नोटिस देने के निर्देश दिए।
कूकस बांध को भरने वाली कचराला नदी में अतिक्रमण के चलते पिछले दिनों हुई तेज बारिश के बाद आए पानी का बहाव क्षेत्र मौके पर बदला मिला। यहां नदी बहाव क्षेत्र में बने फार्म हाउस व रिसोर्ट को बचाने के चक्कर में अतिक्रमियों ने पक्का निर्माण कर पानी के बहाव की दिशा बदल दी। यहां कमेटी द्वारा पिछले साल चिन्हित किए गए अतिक्रमण व अवरोधक अभी भी सीना ताने खड़े मिले।