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रामगढ़ बांध में पानी आवक की मुख्य बाण गंगा नदी का ही गला घोंटा, चेक डेम व एनीकट बनाकर रोका पानी

विराटनगर उपखंड के दोलाज गांव की पहाड़ियों से होता है बाणगंगा नदी का उद्गम, कई स्थानों पर ढूंढने पर भी नहीं मिलता नदी का बहाव क्षेत्र।

बस्सीJun 09, 2025 / 06:10 pm

vinod sharma

RamgarhDam

ताला से गुजर रही बाण गंगा नदी बहाव क्षेत्र में चल रहा पक्का निर्माण कार्य।

राहुल कुमार गुप्ता (गठवाड़ी)
पिछले साल काफी अच्छी बारिश के बाद भी जयपुर की लाइफ लाइन रहा रामगढ़ बांध पानी को मोहताज रहा। रामगढ़ बांध को भरने वाली मुख्य बाण गंगा नदी के बहाव क्षेत्र में बाधा बने अवरोधकों की हकीकत जानने के लिए पत्रिका टीम शनिवार को विराटनगर के दोलाज गांव के समीप पहुंची। यहां से बाण गंगा नदी का उद्गम होता है। यह नदी रामगढ़ बांध में पानी आवक की मुख्य नदी है। पत्रिका टीम ने दोलाज की पहाड़ियों से लेकर कपासन माता मंदिर के समीप करीब 7 किलोमीटर के बहाव क्षेत्र का दौरा किया। इस दौरान कई एनीकट, चेकडेम का निर्माण मिला। वहीं बहाव क्षेत्र के 75 प्रतिशत से अधिक दूरी में फसल लहलहाती मिली। प्रशासनिक जिम्मेदार उच्च अधिकारियों को गलत रिपोर्ट पेश कर रामगढ़ बांध को भरने वाली मुख्य बाण गंगा नदी, माधोवेणी नदी, चिताणु की पहाड़ियों से निकलने वाला नाला, जैतपुर खिंची की पहाड़ियों से निकलने वाली गोमती नदी के बहाव क्षेत्र में किसी प्रकार का अतिक्रमण नहीं होने का दावा कर रहे हैं, जबकि मौके की हकीकत कुछ ओर बयां कर रही है।
सरकारी विभाग भी पीछे नहीं
मंदिर के पास सार्वजनिक निर्माण विभाग की ओर से वर्ष 2023 में सड़क निर्माण के लिए बाण गंगा नदी के पास नाले के बहाव क्षेत्र में पुलिया निर्माण के लिए किया गया दीवार निर्माण कार्य व मिट्टी पानी के बहाव क्षेत्र में रोड़ा बनी हुई है। 19 मई 2023 को निरीक्षण के लिए विराटनगर पहुंची हाईकोर्ट कमेटी ने सड़क निर्माण कार्य को रुकवा दिया था, लेकिन आज तक बहाव क्षेत्र में बनी ग्रेवल सड़क को नहीं हटाया गया।
दोलाज की पहाड़ियों के पास बना एनीकट व बहाव क्षेत्र में हो रही खेती।
दोलाज की पहाड़ियों के पास बना एनीकट व बहाव क्षेत्र में हो रही खेती।

साढ़े चार किलोमीटर तक हो रही खेती
विराटनगर के दोलाज व ज्ञानपुरा गांव के पास अतिक्रमियों ने नदी के मुख्य बहाव क्षेत्र को ही बदल दिया। दोलाज की पहाड़ियों से ज्ञानपुरा होते हुए कपासन माता के मंदिर तक 6 किलोमीटर की दूरी में करीब साढ़े चार किलोमीटर तक नदी का बहाव क्षेत्र गायब है।
नदी व नालों में हो रहा अवैध मिट्टी खनन
हाईकोर्ट मॉनिटरिंग कमेटी ने नदी व नालों के बहाव क्षेत्र में किसी प्रकार के कार्य करने को लेकर भले ही रोक लगा रखी है, लेकिन प्रशासनिक अनदेखी के चलते नदी व नालों के बहाव क्षेत्र में मिट्टी का अवैध खनन कार्य जोरों पर है।
इनका कहना है…
हमसे किसी विभाग ने पंचायत व अन्य विभाग द्वारा बनाए गए एनीकट व चेक डेम के लिए किसी प्रकार की रिपोर्ट नहीं मांगी। पिछले साल जैसी स्थिति थी वैसी ही बहाव क्षेत्र में बरकरार है।
-शैलेंद्र चौधरी, सहायक अभियंता, जल संसाधन विभाग, विराटनगर

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