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Rajasthan Politics: ‘जयहिंद रैली’ में क्यों खिंचे-खिंचे दिखे अशोक गहलोत-हरीश चौधरी? जानें पूरी इनसाइड स्टोरी

कांग्रेस की ‘जयहिन्द’ रैली में पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और हरीश चौधरी के बीच में दूरियां सामने आई।

बाड़मेरMay 27, 2025 / 10:18 am

Lokendra Sainger

gehlot-harish choudary

फोटो सोर्स- हरीश चौधरी-अशोक गहलोत X हैंडल

कांग्रेस की जयहिन्द रैली में बाड़मेर-जैसलमेर की राजनीति में अब पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और मध्यप्रदेश के प्रभारी और बायतु विधायक हरीश चौधरी के बीच में दूरियां सामने आने लगी हैं। कांग्रेस से निष्कासित और हरीश चौधरी का पुरजोर विरोध कर रहे अमीनखां को बड़ा आदमी बताकर गहलोत ने अपना इशारा दिया तो गहलोत के करीबी रहे मेवाराम जैन की वापसी पर हरीश चौधरी ने चरित्रहीन लोगों के निष्कासन को सही फैसला बताकर आंख दिखा दी। दोनों के बीच की दूरी भी चर्चा में रही।
अशोक गहलोत का मारवाड़ गढ़ है। उसमें भी बाड़मेर-जैसलमेर सबसे भरोसेमंद रहे। दो दशक पहले अपने सबसे विश्वासपात्र हरीश चौधरी को यहां मैदान में भेजने वाले अशोक गहलोत का ही मैदान अब हरीश मारने लग गए है। सोमवार की रैली में पायलट से नजदीकी और गहलोत से दूरी साफ नजर आई। हरीश चौधरी ने अपने भाषण में पार्टी निष्कासित किए गए लोगों का नाम लिए बगैर कहा कि चरित्रहीन और पार्टी विरोधी लोगों का निष्कासन का निर्णय एकदम सही था।

दोनों वापसी का कर रहे प्रयास

दीगर रहे कि शिव के पूर्व विधायक अमीनखां और पूर्व विधायक मेवाराम जैन दोनों का निष्कासन किया गया है, जो वापसी के लिए प्रयास कर रहे हैं। साथ ही वे हरीश चौधरी के खिलाफ खुलकर बोल रहे हैं। हरीश चौधरी के बाद गहलोत ने अपने संबोधन में अमीनखां को इलाके का बड़ा आदमी बताते हुए यह संकेेत दे दिया कि, वह पार्टी के लिए जरूरी है।

पहले रास्ता बदला, फिर हुई मुलाकात

अमीनखां व मेवाराम जैन के समर्थक उत्तरलाई रोड़ पर पार्टी नेताओं के आने का इंतजार कर रहे थे लेकिन नेताओं ने रास्ता बदल दिया और सीधे सभा में पहुंच गए। इस पर यहां हरीश चौधरी मुर्दाबाद के नारे लगाए गए। फिर, वापसी में कांग्रेस नेताओं ने उत्तरलाई में अमीनखां व मेवाराम से मुलाकात की। यहां पर अमीन ने अपने अंदाज में ही पूरा गुस्सा उगला।

गहलोत के आने से मेवाराम उत्साहित

सीडी प्रकरण की वजह से पार्टी से निष्कासित किए गए मेवाराम जैन पहली बार इतनी बड़ी संख्या में समर्थकों के साथ नजर आए। उन्होंने यहां अपने समर्थकों के साथ स्वागत करने की तैयारियां पूरी कर ली थी, लेकिन ऐनवक्त पर पार्टी नेताओं ने रास्ता बदल दिया। बकौल मेवाराम उत्तरलाई में वापसी के वक्त उन्होंने पार्टी नेताओं से मुलाकात कर अपनी बात रखी है। पार्टी में वापसी का उनका ज्ञापन भी समर्थकों ने दिया है।

हमें सेना पर गर्व- उम्मेदाराम

भारतीय सेना के समर्थन में आयोजित जय हिंद सभा में बाड़मेर के वीरांगनाओं का सम्मान हुआ। सम्मान के लिए मंच पर बैठे सभी नेता नीचे आए और वीरांगनाओं को प्रशस्ति पत्र और शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया। गर्मी होने के बावजूद पंडाल में जोश व उत्साह नजर आया। सांसद उम्मेदाराम बेनीवाल ने कहा कि सेना के पराक्रम पर हमें गर्व है। सेना रक्षा के लिए सीमा पर सीना ताने खड़ी है, इसलिए हम चैन से सोते हैं। उन्होंने कहा कि रेगिस्तान के लोग सेना के सहयोग के लिए हर वक्त तैयार रहते हैं। बायतु विधायक हरीश चौधरी ने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से बॉर्डर क्षेत्र में बीएडीपी योजना के तहत विकास कार्य होते थे, लेकिन वह मोदी सरकार बनने के बाद बंद हैं। पूर्व सासंद कर्नल सोनाराम ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर पर राजनीति गलत है। देश के मामलों में भाषणबाजी नहीं होनी चाहिए। पूर्व राजस्व मंत्री हेमाराम चौधरी ने धन्यवाद ज्ञापित किया।
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मंच पर भी खिंचे-खिंचे रहे

हरीश चौधरी, हेमाराम चौधरी और सचिन पायलट पास में बैठे थे और आपस में घुले मिले हुए थे। उधर पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत प्रतिपक्ष नेता टीकाराम जूली के पास में थे। अमूमन पूर्व के दौरों में हरीश चौधरी और अशोक गहलोत संग-संग रहते है और एक-दूसरे के पास कुर्सियां लगाकर बातें करते है, ऐसा इस बार नजर नहीं आया।

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