बता दें, यह कार्यक्रम बाड़मेर के शिव इलाके में स्थित देवका मंदिर परिसर में आयोजित हुआ, जहां विधायक भाटी ने खेजड़ी के पेड़ को राखी बांधी और पर्यावरण संरक्षण का आह्वान किया।
खेजड़ी को राखी, पर्यावरण को सम्मान
विधायक रविंद्र सिंह भाटी ने देवका मंदिर पहुंचकर वहां मौजूद खेजड़ी वृक्ष को राखी बांधी। इस दौरान उन्होंने स्थानीय महिलाओं से अपील की कि वे पेड़ों को अपने भाई के रूप में देखें और उन्हें राखी बांधकर पर्यावरण संरक्षण का संकल्प लें। भाटी ने कहा कि खेजड़ी को राखी बांधकर मैंने इसे बचाने का प्रण लिया है। यह न सिर्फ हमारी संस्कृति और पर्यावरण से जुड़ा है, बल्कि हमारा इकोसिस्टम बचाने का एक प्रभावी कदम भी है। उन्होंने इस पहल को पूरे भारत में फैलाने की बात कही और कहा कि पश्चिमी राजस्थान के रेगिस्तानी धोरों से शुरू हुआ यह संदेश देशभर में पर्यावरण जागरूकता का प्रतीक बनना चाहिए।
महिलाओं ने भी लिया संकल्प
इस अवसर पर विधायक के साथ-साथ स्थानीय बहनों ने भी खेजड़ी वृक्ष को राखी बांधी और इसे संरक्षित करने का वचन दिया। इसके बाद बहनों ने विधायक भाटी को भी राखी बांधकर इस आयोजन को और यादगार बनाया। भाटी ने इस मौके पर सभी छोटी बहनों को राखी की बधाई दी और बड़ी बहनों को प्रणाम करते हुए कहा कि आपका भाई हमेशा आपके लिए खड़ा रहेगा। हमारा पर्यावरण से पुराना रिश्ता है और इसे बचाने के लिए हमें ऐसी पहल को और बढ़ावा देना होगा।
खेजड़ी के लिए पहले भी उठाई आवाज
बताते चलें कि यह पहली बार नहीं है जब विधायक रविंद्र सिंह भाटी ने खेजड़ी वृक्षों के संरक्षण के लिए कदम उठाया हो। इससे पहले, बाड़मेर के शिव उपखंड के बरियाड़ा और खोडाल गांवों में सोलर कंपनियों द्वारा खेजड़ी सहित अन्य पेड़ों की अवैध कटाई और जलाए जाने की घटनाओं के खिलाफ उन्होंने ग्रामीणों के साथ मिलकर आंदोलन किया था। इस दौरान भाटी ने रातभर काटे गए पेड़ों की राख के पास चारपाई पर समय बिताया था। गौरतलब है कि खेजड़ी वृक्ष राजस्थान की सांस्कृतिक और पर्यावरणीय धरोहर का अभिन्न हिस्सा है। यह न केवल रेगिस्तानी क्षेत्रों में छाया और हरे-भरे वातावरण का प्रतीक है, बल्कि स्थानीय समुदायों के लिए आर्थिक और औषधीय महत्व भी रखता है।