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बाड़मेर

भारत पाक तनाव के बीच पूरे देश को याद आया राजस्थान का तनोट मां मंदिर, सोशल मीडिया पर अचानक चर्चा में आया क्यों?

Tanot Mata Temple : भारत पाक तनाव के बीच पूरे देश को याद आया राजस्थान का तनोट मां मंदिर। यह सोशल मीडिया पर अचानक चर्चा में आया। आखिर तनोट माता का मंदिर क्यों है फेमस?

बाड़मेरMay 11, 2025 / 10:42 am

Sanjay Kumar Srivastava

India Pakistan Tension Whole Country Remembered Rajasthan Tanot Maa Temple Suddenly Social Media Topic of Discussion Why
Tanot Mata Temple : पाकिस्तान ने जैसे ही जैसलमेर को निशाना बनाया, बॉर्डर पर तनोट माता के प्रति आस्था और विश्वास की प्रार्थनाओं ने लोगों के हाथ जोड़ दिए। 1965 के युद्ध में तनोट मां के मंदिर को दुश्मन के बम छू नहीं पाए थे। पाकिस्तान के गिराए जिंदा बम आज भी मंदिर में रखे हुए हैं। पाकिस्तान की मिसाइलों के अटैक होते ही लोगों ने कहा कि हमारी रक्षक मां तनोट हैं, यहां एक भी मिसाइल नहीं गिरेगी। सारी ध्वस्त हो जाएंगी। रात ऐसा ही हुआ, तो लोगों ने तनोट माता को प्रसाद चढ़ाया।

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सोशल मीडिया पर आया अचानक चर्चा में

पाकिस्तान ने जैसलमेर को टारगेट बनाया और रात को जब जैसलमेर के आसमान में मिसाइलें दिखीं, तो लोगों की प्रार्थना में तनोट माता आ गईं। सोशल मीडिया पर भी पोस्ट कर तनोट माता से प्रार्थनाएं होने लगीं। दरअसल, 1965 के युद्ध में लोंगेवाला की ओर पाकिस्तान सेना बढ़ी थी और जैसलमेर इलाके में भारी बमबारी की। इस दौरान लोंगेवाला पोस्ट के पास ही तनोट माता के छोटे मंदिर को एक भी बम नहीं छू पाया। तब भारतीय सेना का हौसला सातवें आसमान पर पहुंच गया। उन्होंने ‘माता तनोट की जय’ बोलकर धावा बोला और पाकिस्तान की टैंक रेजिमेंट को टैंक छोड़कर भागना पड़ा।

बीएसएफ करती है नियमित रूप से पूजा

इस मंदिर की पूजा अब बीएसएफ के फौजी करते हैं। बीएसएफ और भारतीय सेना को मां तनोट पर इतना विश्वास है कि वे इस मंदिर को अब बॉर्डर का रक्षक मंदिर मानते हैं। तनोट की सुबह की आरती में भी सैनिक पहुंचे और उसी अंदाज से देवी की स्तुति की। उन्होंने मां तनोट से एक बार फिर इस इलाके व देश की रक्षा की अरज की।

तो जैसलमेर का कुछ नहीं बिगड़ सकता – संजय व्यास

यहां 1965 और 1971 की लड़ाई में बताया जाता है कि 3000 बम गिराए गए थे, जिनमें से 450 आज भी जिंदा हैं। इनको मंदिर परिसर में रखा गया है। इन बमों को देखकर ही लगता है कि सेना का विश्वास आज भी मंदिर पर कायम है। जैसलमेर के संजय व्यास कहते हैं कि डोकरी तनोट मां पर विश्वास है, तो जैसलमेर का कुछ नहीं बिगड़ सकता।

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