साइबर क्राइम पर सख्ती और युवाओं में जागरूकता प्राथमिकता
डीआईजी अजय कुमार साहनी ने कहा कि वर्तमान समय में साइबर अपराध सबसे बड़ी चुनौती बन चुका है। इसे रोकने के लिए सभी जिलों में साइबर थाने और हेल्प डेस्क बनाए गए हैं। उन्होंने कहा कि जागरूकता के लिए स्कूलों में अभियान चलाया जाएगा और वे स्वयं भी विद्यार्थियों से संवाद करेंगे। साथ ही, उन्होंने साफ चेतावनी दी—जो भी समाज में खलल डालेगा, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी।एनकाउंटर स्पेशलिस्ट के नाम से मशहूर
अजय कुमार साहनी को उत्तर प्रदेश में ‘एनकाउंटर स्पेशलिस्ट’ के तौर पर जाना जाता है। उन्होंने अब तक 46 अपराधियों को मुठभेड़ में मार गिराया है और 650 से अधिक पुलिस एनकाउंटर ऑपरेशनों का हिस्सा रहे हैं। एक प्रतिष्ठित राष्ट्रीय पत्रिका ने उन्हें देश के टॉप 50 आईपीएस अधिकारियों की सूची में स्थान दिया है।कानपुर से शुरू हुआ ‘खौफ’ का सफर
कानपुर में बतौर एएसपी उनकी पहली बड़ी चुनौती थी—मोनू और लिटिल चंदेल जैसे दो खूंखार अपराधियों को पकड़ना। उन्होंने बताया, “मुझे जानकारी मिली कि मोनू फिर वारदात की तैयारी में है। फायरिंग के बीच मेरी टीम ने दोनों को ढेर कर दिया। कानपुर पुलिस ने कहा, ‘नया एएसपी है, लेकिन काम पुराना नहीं छोड़ता।’”बुलंदशहर और नोएडा में दबंग अंदाज
एसपी सिटी के रूप में बुलंदशहर में तैनाती के दौरान उन्होंने पंचायत और माफियाओं पर नकेल कसी। अगौता क्षेत्र में दबिश के बाद एक बड़ा बदमाश दो साल तक जिले में नहीं दिखा। वहीं, दादरी और दनकौर में जब हिंसा फैली, तो उन्होंने स्वयं मोर्चा संभाला और कानून-व्यवस्था बहाल की।सिद्धार्थनगर और आजमगढ़ में गैंग्स का सफाया
सिद्धार्थनगर में बावरिया गैंग का कहर थमाया। एक लाख के इनामी बदमाश को मार गिराया और 13 को जेल भेजा। आजमगढ़ में दंगों के बाद विशेष रूप से तैनात किए गए। हिंसा फैलाने वाले तीन अपराधियों को मुठभेड़ में गिरफ्तार किया गया। इसके बाद आजमगढ़ में शांति बहाल हुई। यहां D-19 गैंग पर शिकंजा कसते हुए 9 बदमाशों को एनकाउंटर में मार गिराया।अलीगढ़ में एक ही दिन में चार अपराधी ढेर
2018 में अलीगढ़ में बतौर एसएसपी सावन के पहले सोमवार पर दो साधुओं की हत्या ने सनसनी फैला दी थी। उन्होंने कहा, “मैंने कसम खाई थी—कातिलों को ढूंढ निकालूंगा।” इस घटना में शामिल 7 बदमाशों को मार गिराया, जिनमें से चार को एक ही दिन में ढेर किया गया, जो यूपी पुलिस के इतिहास में दर्ज है।शराब माफिया का पर्दाफाश और मेरठ में सख्ती
2019 में बाराबंकी में आबकारी विभाग की मिलीभगत से शराब तस्करी का खुलासा किया। एक इंस्पेक्टर पर केस दर्ज कर जेल भेजा। मेरठ में बकरीद के समय अवैध ऊंट कुर्बानी रोकने के लिए सख्त निर्देश जारी किए। सड़कों पर नमाज को लेकर भी सख्त आदेश दिए। यहां शिवशक्ति नायडू समेत 6 बदमाशों को मुठभेड़ में मार गिराया और CAA हिंसा के दौरान 6 उपद्रवी मारे गए।जौनपुर में भी चला आतंकियों पर कहर
जौनपुर में पोस्टिंग के दौरान उन्होंने 6 बदमाशों का एनकाउंटर किया। कुछ ने सरेंडर किया और कई को सलाखों के पीछे भेजा। अब बरेली में साहनी के आगमन से अपराधियों की नींद उड़नी तय है। जिस जिले में वे तैनात होते हैं, वहां अपराधियों के लिए एक ही विकल्प बचता है—या तो सुधर जाएं या फिर जेल या एनकाउंटर के लिए तैयार रहें।माफिया की जमीन पत्नी के नाम कराने वाले इंस्पेक्टर पर लिखाया मुकदमा, होगा बर्खास्त
आईपीएस अजय साहनी बतौर डीआईजी सहारनपुर रेंज थे। इस दौरान खनन माफिया हाजी इकबाल की जमीन इंस्पेक्टर नरेश कुमार ने अपनी पत्नी के नाम दर्ज करवा दी थी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की भ्रष्टाचार पर जीरो टालरेंस की नीति के तहत उन्होंने कड़ी कार्रवाई की। इंस्पेक्टर के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई। अब उस पर बर्खास्तगी की तलवार लटक रही है।सम्मान और उपलब्धियां
तीन बार डीजीपी मेडल से सम्मानितदो बार राष्ट्रपति वीरता पदक प्राप्त
मुख्यमंत्री द्वारा शौर्य सम्मान