हल्द्वानी निवासी मदन सिंह बताते हैं कि उनकी पत्नी के भाई राम सिंह (44 वर्ष) काफी समय से पेट की समस्याओं से परेशान थे। थकान, जी मिचलाना, उल्टी और उल्टी में खून निकलना, पानी बनने से पेट का फूलना, पैरों में सूजन जैसी तकलीफ के इलाज के लिए करीब छह माह पहले उन्हें हल्द्वानी में दिखाया गया। जहां लिवर सिरोसिस का पता चला। लेकिन कोई फायदा न होने पर उन्हें दूसरे अस्पताल ले जाया गया। लेकिन वहां भी तकलीफ कम नहीं हुईं। हालांकि इस बीच डाक्टरों ने उनके पेट से करीब 40-50 किलो पानी जरूर निकाला। ऐसे में राम सिंह को 10 जुलाई को श्रीराम मूर्ति स्मारक मेडिकल कालेज लाया गया। यहां पहले भी उनकी दूसरी तकलीफों का इलाज हो चुका था। गैस्ट्रो विभाग में गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट डा. शिवम गुप्ता ने राम सिंह का इलाज शुरू किया। राम सिंह के पेट से पानी निकाला गया। लेकिन पूर्ण निदान के लिए डा.शिवम ने इंटरवेंशनल रेडियोलॉजिस्ट डा.नम्रता सिंह विमर्श किया। जिन्होंने ट्रांसजुगुलर इंट्रा हैपेटिक पोर्टो सिस्टमिक शंट (TIPS) प्रोसीजर अपनाने को कहा। राम सिंह और उनके तीमारदारों ने इसके लिए सहमति दी। 13 जुलाई 2025 को इंटरवेंशन रेडियोलॉजिस्ट डॉ. नम्रता सिंह और गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट डॉ. शिवम गुप्ता ने सफलतापूर्वक ट्रांसजुगुलर इंट्रा हैपेटिक पोर्टो सिस्टमिक शंट (TIPS) प्रोसीजर किया। डा.शिवम कहते हैं कि रुहेलखंड क्षेत्र में पहली बार ट्रांसजुगुलर इंट्रा हैपेटिक पोर्टो सिस्टमिक शंट (TIPS) प्रोसीजर किया गया। इसे आम बोलचाल मे लिवर बाईपास के नाम से जाना जाता है। रुहेलखंड क्षेत्र का पहला लिवर बाईपास हमारे संस्थान में होना, हम सबके लिए बड़ी उपलब्धि है। लिवर सिरोसिस के इस प्रोसीजर की सफलता में एनेस्थीसिया विभाग, क्रिटिकल केयर विभाग और मेडिसिन विभाग का सहयोग महत्वपूर्ण रहा। अब हम इस क्षेत्र में इस तरह के अत्याधुनिक प्रोसीजर करने में सक्षम हैं।