scriptधर्मांतरण गिरोह की गिरफ्त में एयरफोर्स अफसर की बेटी, बरेली से देहरादून और फिर ऑनलाइन ब्रेनवॉश, कलमा पढ़वाकर बनाया सुमैया | Air Force officer's daughter in the grip of conversion gang, from Bareilly to Dehradun and then brainwashed online, made Sumaiya by making her recite Kalma | Patrika News
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धर्मांतरण गिरोह की गिरफ्त में एयरफोर्स अफसर की बेटी, बरेली से देहरादून और फिर ऑनलाइन ब्रेनवॉश, कलमा पढ़वाकर बनाया सुमैया

वायुसेना से सेवानिवृत्त वारंट अफसर की बेटी, जो पढ़ाई के लिए देहरादून गई थी, एक सुनियोजित साजिश का शिकार बन गई।

बरेलीJul 26, 2025 / 02:48 pm

Avanish Pandey


बरेली। वायुसेना से सेवानिवृत्त वारंट अफसर की बेटी, जो पढ़ाई के लिए देहरादून गई थी, एक सुनियोजित साजिश का शिकार बन गई।

ऑनलाइन नेटवर्किंग और हॉस्टल की दोस्तियों के जरिए पहले उसका ब्रेनवॉश किया गया, फिर धर्म परिवर्तन कर उसे ‘सुमैया’ नाम दे दिया गया। पूरे घटनाक्रम का मास्टरमाइंड वही अब्दुल रहमान बताया जा रहा है, जो पहले भी कई धर्मांतरण मामलों में जांच के घेरे में आ चुका है।

कश्मीर की युवती ने की थी शुरुआत, पाकिस्तानी नागरिक से भी जुड़ा संपर्क

बरेली की मूल निवासी युवती देहरादून में एमए (फाइन आर्ट) की पढ़ाई कर रही थी। उसे परिवार से प्रतिमाह ₹10,000 जेब खर्च के तौर पर मिलते थे, जो उसके लिए नाकाफी साबित हो रहे थे। ऐसे में उसने ऑनलाइन नेटवर्किंग के ज़रिए काम ढूंढना शुरू किया। इसी दौरान उसकी पहचान बरेली की एक युवती उरूज और कश्मीर की तायया से हुई, जो उसी हॉस्टल में रहती थीं। दोनों ने धीरे-धीरे उसका मानसिक रूप से ब्रेनवॉश करना शुरू किया।

2022 में पढ़वाया कलमा, बरेली लाकर कराया गया धर्म परिवर्तन

वर्ष 2022 में उरूज ने उसे कलमा पढ़वाकर इस्लाम धर्म में परिवर्तित करा दिया। इसके बाद वह बरेली आई, लेकिन अपने परिवार से नहीं मिली। उसने उरूज के घर पर रुककर कुछ समय बिताया। वहीं उसकी मुलाकात कश्मीर निवासी बासित मुश्ताक से कराई गई, जिसके जरिए वह दिल्ली निवासी अभिनव कपूर उर्फ अब्दुल्ला के रिवर्ट इस्लाम ग्रुप से जुड़ गई।

दुबई से भी जुड़ा नेटवर्क, ऑनलाइन दी गई दीनी तालीम

धर्म परिवर्तन के बाद उसका संपर्क दुबई में रहने वाले पाकिस्तानी नागरिक तहसीन से हुआ। तहसीन उसे ऑनलाइन दीनी शिक्षा देने लगा। उसे उत्तराखंड में धर्मांतरण अभियान का अगला चेहरा बनाने की योजना बनाई गई थी। गिरोह के मास्टरमाइंड अब्दुल रहमान ने उसे “उत्तराखंड कमांडर” की भूमिका सौंपने की योजना बनाई थी।

निकाह की साजिश और मोबाइल तोड़ने की धमकी

धर्मांतरण के बाद अब्दुल रहमान के साथ निकाह की तैयारी की जा रही थी। लेकिन जब युवती को उसका मोबाइल फोन तोड़ने और देहरादून से फरार कराए जाने की योजना का पता चला, तो उसने विरोध कर दिया। इसी साहस ने उसकी जान बचाई। रानीपोखरी थाना (देहरादून) की पुलिस ने उसे दूसरी पीड़िता के साथ आगरा पहुंचाया, जहां दोनों को पीड़ित मानते हुए बयान दर्ज किए जा रहे हैं।

कड़ी सुरक्षा में दर्ज हो रहे बयान, ATS और NIA की नजरें

सूत्रों के अनुसार, इस मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए ATS, STF और NIA की नजरें भी इस नेटवर्क पर हैं। कई राज्यों में फैले इस गिरोह की जड़ें पाकिस्तान और खाड़ी देशों तक जुड़ी बताई जा रही हैं।

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