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बरेली

लखनऊ के साइबर गैंग ने बरेली के रिटायर्ड वैज्ञानिक से की थी 1.29 करोड़ की ठगी, एसपी क्राइम ने किया खुलासा, जाने क्या था मामला

साइबर ठगी का शिकार हुए एक रिटायर्ड वैज्ञानिक की शिकायत पर बरेली पुलिस और लखनऊ एसटीएफ ने मिलकर एक इंटरस्टेट साइबर गैंग के चार सदस्यों को दबोच लिया। गिरोह के शातिर बदमाशों ने खुद को सीबीआई और बेंगलुरु पुलिस अधिकारी बताकर व्हाट्सएप और वीडियो कॉल के जरिए रिटायर्ड वैज्ञानिक को डिजिटल अरेस्ट में लिया और 1.29 करोड़ रुपये तीन अलग-अलग बैंक खातों में ट्रांसफर करवा लिए।

बरेलीJul 05, 2025 / 05:30 pm

Avanish Pandey

पुलिस की गिरफ्त में आरोपी (फोटो सोर्स: पत्रिका)

बरेली। साइबर ठगी का शिकार हुए एक रिटायर्ड वैज्ञानिक की शिकायत पर बरेली पुलिस और लखनऊ एसटीएफ ने मिलकर एक इंटरस्टेट साइबर गैंग के चार सदस्यों को दबोच लिया। गिरोह के शातिर बदमाशों ने खुद को सीबीआई और बेंगलुरु पुलिस अधिकारी बताकर व्हाट्सएप और वीडियो कॉल के जरिए रिटायर्ड वैज्ञानिक को डिजिटल अरेस्ट में लिया और 1.29 करोड़ रुपये तीन अलग-अलग बैंक खातों में ट्रांसफर करवा लिए।

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गिरोह के सदस्यों ने रकम को 125 फर्जी खातों में घुमाया और आखिर में उसे क्रिप्टोकरेंसी में बदलकर अपने साथियों के वॉलेट में भेज दिया। आरोपियों को लखनऊ से गिरफ्तार किया गया है। इनके पास से मोबाइल फोन, एटीएम कार्ड और चेकबुक बरामद हुई हैं। एसएसपी अनुराग आर्य ने बताया कि इस साइबर गिरोह का नेटवर्क दिल्ली, महाराष्ट्र, गुजरात, केरल, तेलंगाना समेत कई राज्यों में फैला हुआ है। गिरोह के बाकी सदस्यों की तलाश जारी है।

इज्जतनगर के रिटायर्ड वैज्ञानिक को किया था डिजिटल अरेस्ट

बरेली के इज्जतनगर इलाके में रहने वाले रिटायर्ड वैज्ञानिक शुकदेव नंदी को 17 जून से 20 जून के बीच वीडियो कॉल कर आरोपियों ने खुद को सीबीआई और बेंगलुरु पुलिस का अधिकारी बताया। कहा गया कि उनके आधार कार्ड का इस्तेमाल कर फर्जी सिम कार्ड निकाले गए और उनका इस्तेमाल मानव तस्करी व जॉब फ्रॉड में किया गया है। डर के मारे पीड़ित ने आरोपियों द्वारा बताए गए तीन खातों में कुल 1,29,00,000 (एक करोड़ उनतीस लाख रुपये) आरटीजीएस के माध्यम से ट्रांसफर कर दिए। पैसे मिलते ही आरोपियों ने उन्हें 125 अलग-अलग खातों में डाला और फिर क्रिप्टोकरेंसी के जरिए दूसरे सदस्यों को भेज दिया।

बी-कॉम, बीए और बीएससी करने के बाद बन गए अपराधी

पुलिस और एसटीएफ ने लखनऊ के लाला बाग निवासी 26 वर्षीय सुधीर कुमार चौरसिया बी-कॉम करा हुआ है, गोंडा के धपिया निवासी 25 वर्षीय रजनीश द्विवेदी बीए, लखनऊ के खदरा निवासी 27 वर्षीय श्याम कुमार वर्मा बीए और लखनऊ के गोमतीनगर एक्सटेंशन निवासी 30 वर्षीय महेंद्र प्रताप सिंह बीएससी करा हुआ है। इनके पास से 4 चेकबुक, 6 एटीएम कार्ड और 6 मोबाइल फोन बरामद किए गए हैं।

गिरफ्तार करने वाली टीम में ये शामिल

आरोपियों को गिरफ्तार करने वाली टीम में साइबर थाना प्रभारी दिनेश कुमार शर्मा, हेड कांस्टेबल धीरज कुमार, विलिश कुमार, हरेन्द्र कुमार, कांस्टेबल मुक्तेन्द्र देव, अंकुल सिंह, सिद्धार्थ सिंह और लखनऊ एसटीएफ निरीक्षक अंजनी पांडेय, आदित्य सिंह, हेड कांस्टेबल सुनील सिंह, अखिलेश कुमार, गौरव सिंह, प्रभाकर पांडेय, शेर बहादुर शामिल रहे।

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