सौंदर्यीकरण के कार्यों की गुणवत्ता पर डएम का विशेष फोकस
डीएम अविनाश सिंह ने स्पष्ट किया कि लीलौर झील के विकास के लिए जो भी कार्य कराए जाएं, उनकी गुणवत्ता से कोई समझौता न हो। वाटर रीचार्ज सिस्टम लगाने, झील की नियमित साफ-सफाई, तथा पर्यावरण के अनुकूल गतिविधियों को बढ़ावा देने के निर्देश दिए गए। उन्होंने कहा कि झील में नौका विहार (बोटिंग) की भी व्यवस्था की जाये। जिससे यह स्थान पर्यटकों के लिये आकर्षण का केंद्र बनेगा।
लीलौर झील का ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व
डीएम ने बताया कि लीलौर झील का संबंध महाभारत काल की यक्ष-युधिष्ठिर कथा से है। मान्यता है कि इसी झील पर यक्ष ने युधिष्ठिर से प्रश्न पूछे थे और संतोषजनक उत्तर मिलने पर उनके भाइयों को जीवनदान दिया था। यहां आने वाले पर्यटकों को अपनी धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत को समझने और जानने का मौका मिलेगा। इससे एक ओर जहां आध्यात्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, वहीं स्थानीय युवाओं के लिये रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे।
पौधारोपण कर दिया प्रकृति संरक्षण का संदेश
जिलाधिकारी ने ग्रामीणों के साथ मिलकर पौधारोपण भी किया। उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि वे इन पौधों की देखरेख करें ताकि यह आने वाले समय में फलदायी सिद्ध हों। गांव में जल जीवन मिशन के अंतर्गत हुई खुदाई के कारण टूटी सड़कों को डीएम ने तत्काल मरम्मत कराने के निर्देश दिए। उन्होंने झील के बांध की टूट-फूट को शीघ्र मरम्मत के आदेश दिए। गौवंशीय पशुओं की अच्छे से देखभाल करने और निराश्रित गौवंशों को आश्रय स्थलों में भेजने के निर्देश दिये। जिससे किसानों की फसलें सुरक्षित रहें। इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी देवयानी, नगर आयुक्त संजीव मौर्य, उपजिलाधिकारी नहने राम सहित ग्रामीण उपस्थित रहे।