पुलिस के अनुसार, मोहर्रम से पहले हुई शांति समिति की बैठक में सभी ताजियेदारों ने 12 फीट ऊंचा ताजिया बनाने पर सहमति जताई थी। सत्यापन के दौरान भी दरोगा अशोक कुमार ने ताजिए की ऊंचाई 12 फीट ही दर्शाई थी। लेकिन इसके उलट, रविवार को जब गांव से ताजिया निकाला गया तो उसकी ऊंचाई 23 फीट निकली। ताजिया जब बिजली के तारों के नीचे से गुजारा जा रहा था, तभी वह तारों से टकरा गया और उसमें आग लग गई। आग बुझाने की कोशिश में छोटे खां, गुड्डू, वारिस खां और आबिद झुलस गए।
हादसे के बाद पुलिस ने मामले की जांच की तो सामने आया कि ताजिया की ऊंचाई तय मानक से लगभग दोगुनी थी। इस पर कार्रवाई करते हुए मंगलवार को पुलिस ने नत्थूशाह, हसरत अली उर्फ गुड्डू, यासीन खां सहित पांच ताजियेदारों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया।
ताजिया सत्यापन में लापरवाही बरतने पर फरीदपुर थाने में तैनात दरोगा अशोक कुमार को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया गया है। साथ ही पूरे मामले की विभागीय जांच भी शुरू कर दी गई है। पुलिस का कहना है कि धार्मिक आयोजनों के नाम पर कानून तोड़ने वालों पर आगे भी इसी तरह सख्त कार्रवाई की जाएगी।