scriptइंटरनेशनल सिटी में ईडी का छापा, भूमि घोटाले के आरोपी सीनियर पीसीएस अधिकारी की करोड़ों की संपत्ति की जांच पड़ताल शुरू | ED raids in International City, investigation begins into property worth crores of rupees of senior PCS officer accused of land scam | Patrika News
बरेली

इंटरनेशनल सिटी में ईडी का छापा, भूमि घोटाले के आरोपी सीनियर पीसीएस अधिकारी की करोड़ों की संपत्ति की जांच पड़ताल शुरू

उत्तराखंड के चर्चित भूमि अधिग्रहण घोटाले में पहले से ही नामजद सीनियर पीसीएस अधिकारी और डोईवाला चीनी मिल के अधिशासी निदेशक दिनेश प्रताप सिंह पर अब प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शिकंजा कस दिया है। गुरुवार को ईडी की टीमों ने बरेली, देहरादून और चंडीगढ़ में एक साथ छापेमारी की। यह कार्रवाई अवैध संपत्ति, संदिग्ध लेन-देन और चुनावी खर्च की जांच को लेकर की गई।

बरेलीJun 26, 2025 / 04:03 pm

Avanish Pandey

सौजन्य से फेसबुक, अलका सिंह दिनेश प्रताप सिंह व मकान के अंदर जातीं पुलिसकर्मी (फोटो सोर्स: पत्रिका)

बरेली। उत्तराखंड के चर्चित भूमि अधिग्रहण घोटाले में पहले से ही नामजद सीनियर पीसीएस अधिकारी और डोईवाला चीनी मिल के अधिशासी निदेशक दिनेश प्रताप सिंह पर अब प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शिकंजा कस दिया है। गुरुवार को ईडी की टीमों ने बरेली, देहरादून और चंडीगढ़ में एक साथ छापेमारी की। यह कार्रवाई अवैध संपत्ति, संदिग्ध लेन-देन और चुनावी खर्च की जांच को लेकर की गई।

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ईडी की टीम ने बरेली स्थित इंटरनेशनल सिटी में आरटीओ ऑफिस के सामने बने उनके आवास पर दबिश दी, जहां मकान का ताला तोड़कर अलमारी, लॉकर, तिजोरियों से सोना, चांदी, नकदी और दस्तावेज जब्त किए गए। टीम को कई ऐसे दस्तावेज हाथ लगे हैं जो भारी वित्तीय अनियमितताओं की ओर संकेत करते हैं। भारी पुलिस टीमों के साथ गुरुवार सुबह से लेकर शाम तक जांच पड़ताल जारी है। ईडी की इस कार्रवाई से अलका सिंह और दिनेश सिंह के करीबी अधिकारी और राजनीतिक परिवारों में भी खलबली है। माना जा रहा है कि उनका भी काला धन इनके जरिये निवेश किया गया। ईडी अब फाइलों की परत खोलने में जुट गई है।

गदरपुर भूमि घोटाले से लेकर चुनावी खर्च तक सवालों के घेरे में

दिनेश प्रताप सिंह वही अधिकारी हैं, जिनका नाम राष्ट्रीय राजमार्ग-74 भूमि अधिग्रहण घोटाले में मुख्य आरोपी के रूप में सामने आया था। वर्ष 2011 से 2016 के बीच गदरपुर और आस-पास की कृषि भूमि को गैर–कृषि दिखाकर करोड़ों के मुआवजे का खेल खेला गया। इस घोटाले का कुल आंकड़ा 240 करोड़ रुपये से अधिक का था, और SIT व ED दोनों ने इसकी जांच की थी। नवंबर 2017 में उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेजा गया, जहां वे लगभग 15 महीने तक बंद रहे। बाद में हाईकोर्ट से जमानत मिली, जबकि सुप्रीम कोर्ट ने उनकी याचिका खारिज कर दी थी।

चुनाव लड़ चुकी हैं पत्नी अलका सिंह, बेटी को हार्वर्ड पढ़ने भेजा

दिनेश प्रताप सिंह की पत्नी अलका सिंह ने 2022 में बरेली की बिथरी चैनपुर विधानसभा सीट से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा था। हालांकि इससे पहले वह भाजपा में थीं। उन्होंने काफी प्रचार प्रसार किया, लेकिन टिकट न मिलने की वजह से वह कांग्रेस में चली गईं। इसमें उन्हें मात्र 1400 वोटों से संतोष करना पड़ा। अब ईडी की नजर उनके नाम दर्ज संपत्तियों पर भी है। ईडी को संदेह है कि घोटाले की धनराशि का इस्तेमाल राजनीतिक प्रचार, जमीन खरीद और महंगे खर्चों में किया गया। सूत्रों का कहना है कि दिनेश सिंह ने अपनी बेटी को हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में पढ़ाई के लिए भेजा है।

देहरादून-चंडीगढ़ तक फैली संपत्ति, एक्शन में ईडी

ईडी की अलग-अलग टीमें देहरादून और चंडीगढ़ में स्थित अन्य संपत्तियों की जांच कर रही हैं। अनुमान है कि दिनेश प्रताप सिंह और उनके परिवार के नाम पर उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश में करोड़ों की चल-अचल संपत्तियां हैं। ईडी के सवालों का जवाब देने से फिलहाल दिनेश प्रताप सिंह और उनकी पत्नी दोनों बच रहे हैं। अलका सिंह का मोबाइल स्विच ऑफ मिला, जबकि दिनेश सिंह की तरफ से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। ईडी सूत्रों का कहना है कि आने वाले दिनों में पूछताछ और संपत्ति कुर्की की प्रक्रिया तेज की जा सकती है। इस कार्रवाई से राज्य के प्रशासनिक और राजनीतिक गलियारों में हड़कंप मचा हुआ है।

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