डीएम अविनाश सिंह ने अफसरों को स्पष्ट निर्देश दिए कि जन आरोग्य केंद्रों पर औचक निरीक्षण की व्यवस्था नियमित की जाए। सीएचसी और पीएचसी पर लगे सीसीटीवी कैमरे हर हाल में चालू रहें, ताकि डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों की उपस्थिति व कार्य प्रणाली पर नजर रखी जा सके। साथ ही ई-संजीवनी के माध्यम से मरीजों को दी जा रही चिकित्सकीय सलाह की गुणवत्ता पर भी निगरानी रखने के निर्देश दिए गए।
टीकाकरण में पिछड़ रहे गांवों पर सख्ती
समीक्षा बैठक में खुलासा हुआ कि दलेलनगर व मुड़िया नवीबक्श जैसे क्षेत्रों में टीकाकरण का प्रतिशत अन्य क्षेत्रों की तुलना में काफी कम है, जबकि जिले का औसत 91 फीसदी है। शहरी क्षेत्रों में कालीबाड़ी व शेरअली गौटिया जैसी जगहों पर भी टीकाकरण की रफ्तार धीमी है। इसका कारण एमओआईसी ने कार्मिकों की कमी बताया। इस पर डीएम ने एएनएम की क्षेत्रवार मैपिंग कर शासन को प्रस्ताव भेजने के निर्देश दिए। साथ ही ऐसे लोगों को चिह्नित कर टीकाकरण के लिए प्रेरित करने को कहा जो अफवाहों और भ्रांतियों के कारण टीका नहीं लगवा रहे हैं।
अधिकारियों को गोद लेने होंगे टीबी मरीज
जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि जनपद के सभी वरिष्ठ अधिकारी कम से कम एक-एक टीबी रोगी को गोद लें और उनके उपचार, पोषण एवं स्वास्थ्य निगरानी की व्यक्तिगत जिम्मेदारी उठाएं। उन्होंने पोषण भत्ते के वितरण की स्थिति की भी समीक्षा की और कहा कि इसमें कोई ढिलाई न बरती जाए।
आशाओं पर भी रखी जाएगी पैनी नजर
बैठक में यह भी स्पष्ट किया गया कि जो आशा बहुएं अपने कार्यों में लापरवाही बरत रही हैं, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। डीएम ने कहा कि एनएचएम के किसी भी व्यय को बिना समिति अध्यक्ष की अनुमति के जारी नहीं किया जा सकता।
10 में से 9 डिलीवरी प्वाइंट सक्रिय
बैठक में बताया गया कि जिले में प्रस्तावित 10 नए डिलीवरी प्वाइंट में से 9 को सक्रिय कर दिया गया है। इसके अलावा, आरबीएसके योजना के तहत एक बच्चे की अलीगढ़ में पाँच लाख रुपए की लागत से सर्जरी कराई गई, जबकि एक अन्य बच्चा सैफई मेडिकल कॉलेज में उपचाराधीन है।
संचारी रोग नियंत्रण व दस्तक अभियान
बैठक में विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान (1 से 31 जुलाई) और दस्तक अभियान (11 से 31 जुलाई) की विस्तृत रूपरेखा भी प्रस्तुत की गई। अभियान में 12 विभागों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी। इस बार खाद्य एवं औषधि विभाग को भी शामिल किया गया है। आशा और एएनएम कार्यकर्ताओं के साथ ग्राम प्रधानों और वार्ड सदस्यों का ओरिएंटेशन 1 जुलाई से पहले कराने के निर्देश दिए गए हैं।
बहेड़ी में स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति चिंता जनक
समीक्षा के दौरान यह भी पाया गया कि आकांक्षात्मक विकास खंड बहेड़ी स्वास्थ्य के क्षेत्र में अभी भी प्रदेश औसत से पीछे है। डीएम ने यहां अतिरिक्त संसाधनों और प्रयासों के निर्देश दिए। बैठक में मुख्य विकास अधिकारी देवयानी, मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. विश्राम सिंह सहित स्वास्थ्य, पंचायती राज, बाल विकास, शिक्षा, नगर निगम एवं अन्य विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।