हादसा उत्तराखंड में गुरुवार दोपहर को उस समय हुआ, जब हेलीकॉप्टर ने गंगोत्री से यमुनोत्री की ओर उड़ान भरी थी। उड़ान भरने के कुछ ही मिनटों बाद पायलट को तकनीकी खामी का आभास हुआ और देखते ही देखते हेलीकॉप्टर नियंत्रण खो बैठा। अत्यंत दुर्गम पहाड़ी इलाके में दुर्घटनाग्रस्त हुए इस विमान से किसी के भी जीवित बचने की संभावना नहीं बची थी।
मुंबई में बेटी के साथ रहती थीं आलमगीरीगंज की राधा
उड़ान भरने के कुछ ही समय बाद तकनीकी खराबी के कारण हेलीकॉप्टर असंतुलित हो गया और उत्तरकाशी के दुर्गम इलाके में दुर्घटनाग्रस्त हो गया। हादसे की सूचना मिलते ही प्रशासन और आपदा राहत बल की टीम मौके पर पहुंची। राहत बचाव कार्य शुरू किया गया। हादसे में जान गंवाने वाली बुजुर्ग महिला राधा अग्रवाल बरेली के आलमगीरीगंज में पटवारी मंदिर के पास की रहने वाली थीं। पति की मौत के बाद पिछले दो साल से वह अपनी बेटी रुचि अग्रवाल के साथ मुंबई में रहती थीं। रुचि मुंबई में कैमिकल इंजीनियर थीं।
शवों को मलबे से निकालने की लिए बचाव कार्य जारी
हेलीकॉप्टर में सवार अन्य यात्रियों की भी पहचान की जा रही है। शवों को हेलीकॉप्टर के मलबे से निकालने के लिए टीम ने कार्य शुरु कर दिया है। परिजनों को सूचना दे दी गई है। अधिकारियों के अनुसार प्रारंभिक जांच में तकनीकी गड़बड़ी को हादसे की वजह माना जा रहा है, लेकिन विस्तृत जांच रिपोर्ट आने के बाद ही स्पष्ट कारणों का पता चल सकेगा। नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने दुर्घटना की उच्चस्तरीय जांच के आदेश दे दिए हैं।
शोक की लहर, परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल
हादसे की खबर मिलते ही बरेली में राधा अग्रवाल के मोहल्ले आलमगीरीगंज में शोक की लहर दौड़ गई। जैसे ही परिजनों को सूचना मिली, घर पर लोगों की भीड़ लग गई। वृद्धा के भतीजे उमंग अग्रवाल ने बताया कि वे वर्षों से मां-बेटी के साथ मुंबई में रह रही थीं। श्रद्धा से प्रेरित होकर चारधाम यात्रा पर निकली थीं। अब उन दोनों की मौत के बाद परिवार वालों का रो-रोकर बुरा हाल है।
चारधाम यात्रा में पहले भी हो चुके हैं हादसे
उत्तराखंड की चारधाम यात्रा में हर साल लाखों श्रद्धालु भाग लेते हैं। बावजूद इसके, बीते कुछ वर्षों में हेलीकॉप्टर सेवाओं से जुड़े हादसों में वृद्धि देखी गई है। इससे पहले भी कई घटनाएं हो चुकी हैं, जिन्होंने यात्रा की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े किए हैं। स्थानीय प्रशासन ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे यात्रा के दौरान मौसम और तकनीकी दिशा-निर्देशों का पालन करें तथा किसी भी संदिग्ध परिस्थिति में तत्काल निकटतम प्रशासनिक इकाई को सूचित करें।