जांच में सामने आया कि सड़क निर्माण में सबसे अहम परत जीएसबी (ग्रेनुलर सब-बेस) डाली ही नहीं गई थी। नाली धंसी हुई मिली और उसका ढाल भी उल्टा था, जिससे पानी बहने के बजाय उल्टी दिशा में जा रहा था।
मौके पर खुदाई, खुला घटिया निर्माण का राज
नगर आयुक्त के निर्देश पर इंजीनियर विकास साहू की टीम ने सड़क की खुदाई कराई तो पाया गया कि टाइल्स के नीचे न कोई बेस लेयर थी, न मजबूती देने का इंतजाम। एक्सपर्ट्स के मुताबिक, जीएसबी सड़क निर्माण की सबसे जरूरी परत है, जो मिट्टी को मजबूती देकर ऊपरी सतह को टिकाऊ बनाती है। इसके बिना सड़क कुछ ही महीनों में टूटने लगती है।
शुरू से ही थी शिकायतें, नगर निगम ने की सख्ती
इस परियोजना का ठेका सत्यसांई फर्म को दिया गया था। निर्माण के शुरुआती चरण में ही स्थानीय लोगों ने शिकायत की थी कि नाली जगह-जगह धंस रही है और टाइल्स बैठ रही हैं। जांच रिपोर्ट आने के बाद नगर आयुक्त ने संबंधित फर्म को नोटिस जारी कर दिया और सड़क को तुरंत उखाड़कर दोबारा सही मानक के अनुसार बनाने के निर्देश दिए। साथ ही चेतावनी दी कि जनता के पैसों से किए जा रहे कार्यों में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी और भविष्य में ऐसे निर्माण कार्यों की कड़ी जांच होगी।
नगर आयुक्त का बयान
नगर आयुक्त संजीव कुमार मौर्य ने कहा जनता के पैसों से हो रहे काम में कोई कोताही नहीं चलेगी। दोषी ठेकेदार पर कार्रवाई होगी और गुणवत्ता से समझौता बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।