लंबे समय से बना रहे थे फर्जी जन्म और मृत्यु प्रमाणपत्र
छापेमारी की यह कार्रवाई देवचरा के दिलजीत इंटरनेट कैफे में की गई, जिसे आरोपी लंबे समय से फर्जी जन्म और मृत्यु प्रमाणपत्र तैयार करने के लिए इस्तेमाल कर रहे थे। जांच के दौरान एसटीएफ को मौके से 26 फर्जी जन्म प्रमाणपत्र और 5 फर्जी मृत्यु प्रमाणपत्र मिले हैं। इसके अलावा आरोपियों के पास से दो लैपटॉप, एक प्रिंटर, मुहरें, कागजात और अन्य तकनीकी सामग्री भी जब्त की गई है। पुलिस का कहना है कि ये प्रमाणपत्र पूरी तरह से नकली थे, जिन्हें सरकारी दस्तावेजों जैसा दिखाने के लिए अत्याधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा था।
आरोपियों पर भमोरा थाने में दर्ज कराई गई एफआईआर
गिरफ्तारी के बाद दोनों आरोपियों को भमोरा थाने लाया गया, जहां पुलिस ने उनके खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत रिपोर्ट दर्ज कर ली है। एसटीएफ के अनुसार आरोपी लंबे समय से यह अवैध कारोबार संचालित कर रहे थे और इसके माध्यम से वे लोगों से मोटी रकम वसूलते थे। आरोपी अपने ग्राहक को मनचाही जन्मतिथि या मृत्यु तिथि वाला प्रमाणपत्र उपलब्ध कराते थे, जो कई बार शैक्षिक, सरकारी या निजी लाभ लेने के उद्देश्य से तैयार कराए जाते थे।
किन-किन लोगों को जारी किए फर्जी प्रमाण, पुलिस कर रही जांच
पुलिस का मानना है कि इस पूरे नेटवर्क में और भी लोग शामिल हो सकते हैं, जिनकी भूमिका की जांच की जा रही है। आरोपियों से पूछताछ के दौरान यह जानकारी सामने आई है कि उनके ग्राहक न सिर्फ आसपास के गांवों से, बल्कि अन्य जनपदों से भी आते थे। पुलिस अब जब्त किए गए लैपटॉप और अन्य डिजिटल सामग्री की तकनीकी जांच करा रही है, जिससे यह पता चल सके कि अब तक कितने फर्जी प्रमाणपत्र तैयार किए जा चुके हैं और किन-किन लोगों को जारी किए गए हैं।