scriptपहलगाम आतंकी हमले में मददगार बताकर बरेली में 42 घंटे का डिजिटल अरेस्ट, 70 लाख मांगे, एसपी सिटी ने तोड़ी डिजिटल गिरफ्त | 42 hours digital arrest in Bareilly for being accused of being an accomplice in the Pahalgam terror attack, 70 lakhs demanded, SP City broke the digital arrest | Patrika News
बरेली

पहलगाम आतंकी हमले में मददगार बताकर बरेली में 42 घंटे का डिजिटल अरेस्ट, 70 लाख मांगे, एसपी सिटी ने तोड़ी डिजिटल गिरफ्त

साइबर अपराधियों ने शहर की एक बैंक कर्मी महिला को पहलगाम आतंकी हमले में मददगार बताकर 42 घंटे तक उसे डिजिटल अरेस्ट में रखा। कहा कि उसके आधार कार्ड का इस्तेमाल कर आईएसआई ने सेटेलाइट फोन खरीदे। आतंकियों की फर्जी आईडी तैयार करने में मदद की। गिरफ्तारी से बचने के लिये उसने महिला से सोने, चांदी के जेवर, बैंक खातों में पड़े रुपये, एफडी निकालने को कहा, महिला ने करीब 70 लाख रुपये का इंतजाम किया।

बरेलीAug 13, 2025 / 04:14 pm

Avanish Pandey

एसपी सिटी ने समझाए साइबर ठगी और डिजिटल अरेस्ट से बचाव के तरीके (फोटो सोर्स: पत्रिका)

बरेली। साइबर अपराधियों ने शहर की एक बैंक कर्मी महिला को पहलगाम आतंकी हमले में मददगार बताकर 42 घंटे तक उसे डिजिटल अरेस्ट में रखा। कहा कि उसके आधार कार्ड का इस्तेमाल कर आईएसआई ने सेटेलाइट फोन खरीदे। आतंकियों की फर्जी आईडी तैयार करने में मदद की। गिरफ्तारी से बचने के लिये उसने महिला से सोने, चांदी के जेवर, बैंक खातों में पड़े रुपये, एफडी निकालने को कहा, महिला ने करीब 70 लाख रुपये का इंतजाम किया। मानसिक दबाव और डर के माहौल में महिला घर में कैद रही। इसी दौरान महिला की बेटी ने इसकी सूचना एसएसपी अनुराग आर्य को दी। एसएसपी के निर्देश पर पहुंचे एसपी सिटी मानुष पारीक ने मोर्चा संभाला और महिला को डिजिटल मुक्त कराया।

दो स्टार साइबर ठग ने लगा रखी थी डीआईजी की टोपी

प्रेमनगर के एकतानगर निवासी गुलशन कुमारी को सोमवार दोपहर एक अज्ञात नंबर से वीडियो कॉल आया। स्क्रीन पर डीआईजी की टोपी और दो स्टार वाली वर्दी पहने व्यक्ति दिखा, जिसने खुद को पुलिस अधिकारी बताया। उसने कहा कि वह पहलगाम पुलिस स्टेशन से बोल रहा है। उसने महिला को फर्जी सिम कार्ड केस में नाम आने और मनी लॉन्ड्रिंग के गंभीर आरोपों में फंसाने की धमकी दी। कहा कि पहलगाम में हुये आतंकी हमलों में तुम्हारा आधार कार्ड इस्तेमाल हुआ है। उसने मामला दबाने के लिए जेवर और रुपये देने की शर्त रखी।

डर और तबीयत बिगड़ने का फायदा उठाया

ठगों ने महिला को धमकाते हुए कहा कि मामले की जानकारी किसी को न दे, वरना अंजाम बुरा होगा। 42 घंटे तक महिला घर में कैद रही। इस दौरान उसकी तबीयत बिगड़ने लगी। जिस पर ठगों ने उसे एंबुलेंस भेजने और एनआईए के अस्पताल में भर्ती कराने का झांसा दिया। इसकी वजह से महिला और घबरा गई। महिला के पति नहीं हैं। वह बैंक आफ बड़ौदा से रिटायर्ड हैं।

एसपी सिटी की सतर्कता और एक्शन


गुरुवार को मामला एसएसपी अनुराग आर्य और डायल-112 तक पहुंचा। एसपी सिटी मानुष पारीक ने तुरंत टीम के साथ पहुंचकर गुलशन को ठगों के चंगुल से मुक्त कराया। एसपी सिटी ने बताया कि कॉल पर दिख रहा अधिकारी दरअसल साइबर ठग था, जिसे वे देखते ही पहचान गए। उसकी वर्दी पर दरोगा के दो स्टार थे, लेकिन कैप डीआईजी रैंक के आफिसर की लगा रखी थी। उन्होंने महिला को साइबर सुरक्षा और ठगी से बचाव के तरीके समझाए। रेस्क्यू के बाद गुलशन ने बरेली पुलिस, विशेषकर एसपी सिटी मानुष पारीक का आभार जताया। पुलिस ने अपील की है कि ऐसे किसी भी कॉल पर व्यक्तिगत जानकारी साझा न करें और तुरंत 1930 पर शिकायत दर्ज कराएं।

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