प्रकरण में बिलड़ी निवासी 61 वर्षीय रूपा पुत्र लालू कटारा ने अपने ही गांव के हीरिया उर्फ हीरालाल कटारा, उसके बेटे हिम्मत उर्फ हुका, उसकी पत्नी शारदा, बेटे नीलेश, सविता पत्नी बापूलाल, उसकी बेटी शर्मिला, मुकेश पुत्र हलिया व सुशीला पत्नी हलिया के खिलाफ परिवाद दिया।
इसमें बताया कि मंगलवार को को वह परिजनों के साथ घर के आंगन में नीम के पेड़ की छंगाई कर रहा था। इसी बीच, हीरिया ने आकर गाली-गलौज की। उसके बुलावे पर अन्य आरोपी लट्ठ-पत्थर लिए आए और जमीन अपनी बताते हुए मारपीट शुरू कर दी। आरोपियों ने उसे उठा ले जाने का प्रयास किया, तो बेटा पंकज और बेटी गुड्डी बचाने बढ़े। सभी पंकज को मारने दौड़े तो वह जान बचाकर गांव में भागा। पीछे आरोपियों ने गुड्डी से मारपीट की और साथ लाए पालतू कुत्ता छोड़ दिया। कुत्ते ने गुड्डी के घुटने पर काट लिया। शोरशराबा बढ़ा तो एकत्र लोगों ने बमुश्किल बीच बचाव किया। बाद में गुड्डी को सीएचसी अरथूना ले जाकर इलाज कराया। जाते-जाते आरोपियों ने शिकायत लेकर थाने जाने पर जान से मारने की धमकी दी। घर के आस-पास घेराबंदी के चलते उन्हें बांसवाड़ा आना पड़ा।
उधर, मामले में अरथूना थानाधिकारी प्रकाशचंद्र ने बताया कि वे छुट्टी पर थे। मामले को गंभीरता से दिखवाएंगे।
बदले की कार्रवाई, अनहोनी की जताई आशंका
एक आंख से देखने में अक्षम वृद्ध ने बताया कि उसकी पत्नी लाली की करीब 4 वर्ष पूर्व दिवाली के दूसरे दिन हीरिया और उसके बेटे बापूलाल ने लठ से हमला कर हत्या कर दी। गिरफ्तारी के बाद कोर्ट में केस चला।
बापूलाल वर्तमान में उदयपुर की जेल में है। इसके चलते बदले की कार्रवाई में आरोपियों ने हमला किया। आरोपी इससे पहले 4-5 बार मारपीट कर चुके हैं, लेकिन रिपोर्ट पर पुलिस ने कार्रवाई नहीं की। अपने साथ अनहोनी की आशंका जताते हुए कार्रवाई की गुहार की।